क्या चाँद को चेचक हुआ था?
6.
क्या तुम्हारी बालकनी से
दिखते हैं कभी
मदमस्त बुलडोज़र?
वहाँ से तो
बच्चों के खिलोनों से
लगते होंगे बुलडोज़र?
राशन का ट्रक पहुँचे, न पहुँचे,
देर-सबेर पहुँच ही जाता है
बुलडोज़र।
डाकिया भले न ढूँढ़ पाए
ढूँढ़ ही निकालता है
बुलडोज़र।
सुना है, बहुत गड्ढे हैं चाँद पर
उन्हें भी समतल कर देंगे
बुलडोज़र।
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