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क्या चाँद को चेचक हुआ था?

7. 

 

पता है तुम्हें 
एक बार एक मगरमच्छ ने
अपने जबड़ों में जकड़ लिया था 
चाँद को? 
 
उस रात 
जगमगा उठी थीं 
गंगा जी। 
 
जल तल से फूटती चाँदनी में 
साफ़ दिखा था वह सब 
जो छिपा रहता है 
गंगा जी की लहरों में। 
 
सच देख, चौंक गया मगर 
छूट गई पकड़
और पहुँच गया चाँद 
फिर आसमान में। 
 
पर कभी-कभी 
जब चाँद पूरा होता है 
दिखती हैं ख़ून की दो बूँदें 
चमकतीं उस दाग़दार चेहरे पर। 
 
अपनी बालकनी में खड़ी
इन लाल धब्बों को देख 
क्या सोचती हो तुम? 
क्या कभी चाँद को चेचक हुआ था? 
क्या माता आई थी उस पर? 
नहीं, ये ख़ून उसका नहीं 
मगर के जबड़ों का है। 

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  18. 18.

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