अन्तरजाल पर
साहित्य-प्रेमियों की विश्राम-स्थली

काव्य साहित्य

कविता गीत-नवगीत गीतिका दोहे कविता - मुक्तक कविता - क्षणिका कवित-माहिया लोक गीत कविता - हाइकु कविता-तांका कविता-चोका कविता-सेदोका महाकाव्य चम्पू-काव्य खण्डकाव्य

शायरी

ग़ज़ल नज़्म रुबाई क़ता सजल

कथा-साहित्य

कहानी लघुकथा सांस्कृतिक कथा लोक कथा उपन्यास

हास्य/व्यंग्य

हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी हास्य व्यंग्य कविता

अनूदित साहित्य

अनूदित कविता अनूदित कहानी अनूदित लघुकथा अनूदित लोक कथा अनूदित आलेख

आलेख

साहित्यिक सांस्कृतिक आलेख सामाजिक चिन्तन शोध निबन्ध ललित निबन्ध हाइबुन काम की बात ऐतिहासिक सिनेमा और साहित्य सिनेमा चर्चा ललित कला स्वास्थ्य

सम्पादकीय

सम्पादकीय सूची

संस्मरण

आप-बीती स्मृति लेख व्यक्ति चित्र आत्मकथा यात्रा वृत्तांत डायरी बच्चों के मुख से यात्रा संस्मरण रिपोर्ताज

बाल साहित्य

बाल साहित्य कविता बाल साहित्य कहानी बाल साहित्य लघुकथा बाल साहित्य नाटक बाल साहित्य आलेख किशोर साहित्य कविता किशोर साहित्य कहानी किशोर साहित्य लघुकथा किशोर हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी किशोर हास्य व्यंग्य कविता किशोर साहित्य नाटक किशोर साहित्य आलेख

नाट्य-साहित्य

नाटक एकांकी काव्य नाटक प्रहसन

अन्य

रेखाचित्र पत्र कार्यक्रम रिपोर्ट सम्पादकीय प्रतिक्रिया पर्यटन

साक्षात्कार

बात-चीत

समीक्षा

पुस्तक समीक्षा पुस्तक चर्चा रचना समीक्षा
कॉपीराइट © साहित्य कुंज. सर्वाधिकार सुरक्षित

क्या चाँद को चेचक हुआ था?

15. 

 

एक भेड़िया
या एक बहुत बड़ा कुत्ता
या एक डंक मारने वाली मधुमक्खी
या एक कूदने वाली मकड़ी
या एक तितली
या . . . 
 
तुम्हारे भीतर एक जानवर है
एक जानवर जो तुम्हें कुतरता है
काटता है
बाहर निकलना चाहता है। 
 
उसे थोड़ा प्यार दो
उसे थोड़ा सहलाओ
उसे अपने प्रेम में नहलाओ
उसके बाल सँवारो। 
 
याद रक्खो, उसे याद दिलाओ 
कि वह इस ब्रह्मांड के विस्फोट में हिस्सेदार है
कि ब्रह्मांड के साथ उसका भी विस्तार हो रहा है
कि वह ब्रह्मांड का केंद्र है। 
 
जेडब्ल्यूएसटी ने सबसे छोटे सम्भव सितारे को देखा है
एक लगभग-विफल-सितारे को, न-भूरे-न-बौने को, 
और देखा है उसके चक्कर लगाते
एक लगभग-भूरे-बौने को, 
एक ग्रह जो एक विफल सितारा हो सकता था। 
 
वे वे नहीं हैं जो वे नहीं हैं। 
वे वही हैं जो वे हैं। 
एक सितारा और एक ग्रह। 
सीमा के क़रीब, पर पक्के तौर पर सीमा के इस ओर या उस ओर। 
 
हैना एमर्सन चाहेगी कि तुम उन्हें चूमो। 
वह चाहेगी कि तुम उस काग़ज़ को चूमो 
जिस पर उनके बारे में ख़बर छपी है। 
वह चाहेगी कि तुम इस कविता को चूमो, 
इस ही कविता को नहीं तो इस सितारे और 
उसके ग्रह पर लिखी किसी भी कविता को। 
 
उस छोटे सितारे और बड़े ग्रह के बीच के आकर्षण को महसूस करो। 
उस अकेलेपन को महसूस करो जिसमें यह ग्रह उस सितारे के चक्कर लगाता है। 
जैसे तुम्हारा कुत्ता तुम्हारे पैरों के चक्कर लगाता है। 
उस प्रेम को महसूस करो जो इस ब्रह्मांड का विस्फोट कर रहा है। 

पुस्तक की विषय सूची

  1. 1.
  2. 2.
  3. 3. 
  4. 4. 
  5. 5. 
  6. 6.
  7. 7. 
  8. 8. 
  9. 9. 
  10. 10. 
  11. 11. 
  12. 12. 
  13. 13. 
  14. 14. 
  15. 15. 
  16. 16. 
  17. 17. 
  18. 18.

लेखक की पुस्तकें

  1. क्या चाँद को चेचक हुआ था?

लेखक की अन्य कृतियाँ

कविता

कविता-मुक्तक

विडियो

उपलब्ध नहीं

ऑडियो

उपलब्ध नहीं

विशेषांक में