अन्तरजाल पर
साहित्य-प्रेमियों की विश्राम-स्थली

काव्य साहित्य

कविता गीत-नवगीत गीतिका दोहे कविता - मुक्तक कविता - क्षणिका कवित-माहिया लोक गीत कविता - हाइकु कविता-तांका कविता-चोका कविता-सेदोका महाकाव्य चम्पू-काव्य खण्डकाव्य

शायरी

ग़ज़ल नज़्म रुबाई क़ता सजल

कथा-साहित्य

कहानी लघुकथा सांस्कृतिक कथा लोक कथा उपन्यास

हास्य/व्यंग्य

हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी हास्य व्यंग्य कविता

अनूदित साहित्य

अनूदित कविता अनूदित कहानी अनूदित लघुकथा अनूदित लोक कथा अनूदित आलेख

आलेख

साहित्यिक सांस्कृतिक आलेख सामाजिक चिन्तन शोध निबन्ध ललित निबन्ध हाइबुन काम की बात ऐतिहासिक सिनेमा और साहित्य सिनेमा चर्चा ललित कला स्वास्थ्य

सम्पादकीय

सम्पादकीय सूची

संस्मरण

आप-बीती स्मृति लेख व्यक्ति चित्र आत्मकथा वृत्तांत डायरी बच्चों के मुख से यात्रा संस्मरण रिपोर्ताज

बाल साहित्य

बाल साहित्य कविता बाल साहित्य कहानी बाल साहित्य लघुकथा बाल साहित्य नाटक बाल साहित्य आलेख किशोर साहित्य कविता किशोर साहित्य कहानी किशोर साहित्य लघुकथा किशोर हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी किशोर हास्य व्यंग्य कविता किशोर साहित्य नाटक किशोर साहित्य आलेख

नाट्य-साहित्य

नाटक एकांकी काव्य नाटक प्रहसन

अन्य

रेखाचित्र पत्र कार्यक्रम रिपोर्ट सम्पादकीय प्रतिक्रिया पर्यटन

साक्षात्कार

बात-चीत

समीक्षा

पुस्तक समीक्षा पुस्तक चर्चा रचना समीक्षा
कॉपीराइट © साहित्य कुंज. सर्वाधिकार सुरक्षित

चाहत की तक़दीर निराली

दिल, दिमाग़, आँखों में चाहत, क़िस्मत की पर है मजबूरी। 
पूरी होती चाह कहीं पे, कहीं नहीं, तो कहीं अधूरी॥
 
मिलन ख़ुशी लगती पूनम-सी, 
विरह वेदना लगे अमावस। 
दूरी तपती जेठ मास-सी, 
मिलन लगे जैसे ऋतु पावस॥
मिलने का उल्लास बसंती, है बिछोह की चुभन ततूरी। 
 
जीवन है अनमोल भले ही, 
चाहत की तक़दीर निराली। 
कहीं मिलन की ख़ुशियाँ बरसें, 
कहीं विरह से जीवन ख़ाली॥
कहींं शाम अँसुवन से भीगी, कहीं शाम दमके सिंदूरी। 
 
काश कि ऐसा करता रब ये, 
हर दिल के अरमान चहकते। 
गीत गूँजते चहूँ मिलन के, 
नहीं विरह से ख़्वाब दहकते॥
नहीं रात नागिन-सी लगती, खलती न साँसों से दूरी। 
 
फूल और कलियाँ बाग़ों की, 
आसमान के चाँद-सितारे। 
सावन की बूँदें मस्तानी, 
फागुन के रंगमय नज़ारे॥
करो कामना मिलकर सब ये, सबकी चाहत भी हो पूरी। 
नहीं प्यार में तड़प कहीं हो, रहे कहानी नहीं अधूरी॥

अन्य संबंधित लेख/रचनाएं

अंतहीन टकराहट
|

इस संवेदनशील शहर में, रहना किंतु सँभलकर…

अंतिम गीत लिखे जाता हूँ
|

विदित नहीं लेखनी उँगलियों का कल साथ निभाये…

अखिल विश्व के स्वामी राम
|

  अखिल विश्व के स्वामी राम भक्तों के…

अच्युत माधव
|

अच्युत माधव कृष्ण कन्हैया कैसे तुमको याद…

टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

कविता

लघुकथा

गीत-नवगीत

बाल साहित्य कविता

हास्य-व्यंग्य आलेख-कहानी

किशोर साहित्य कविता

कविता - हाइकु

किशोर साहित्य आलेख

बाल साहित्य आलेख

काम की बात

किशोर साहित्य लघुकथा

हास्य-व्यंग्य कविता

विडियो

उपलब्ध नहीं

ऑडियो

उपलब्ध नहीं