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मर्द माफ़ करें

हमारे देश के पुरुषों में
पुरुषत्व, पौरुष, पुरुषार्थ, के अलावा
फ़ोर्थ डायमेंशन भी होता है
जिसे 'इन जनरल'  
"मर्दानगी" कहा जाता है 
यूँ तो ये पूरे भारत की ख़ूबी है 
लेकिन यूपी, बिहार, हरियाणा, पंजाब में 
कुछ ज़्यादा ही होती है 
 
और 
मर्दानगी दिखाई जाती है . . . 
बहुधा ससुराल में 
घर-परिवार में 
शादी, बारात में 
मोहल्ले, बाज़ार में, 
नंग-नाच करने में 
चुन्नियाँ खींचने में 
फ़ब्तियाँ कसने में 
गालियाँ देने में 
दबंगई करने में 
बे-बात झगड़ने में 
 
लेकिन . . . 
बच्चे को पढ़ाने में
बीवी का हाथ बँटाने में
रोते को हँसाने में  
भूखे को खिलाने में 
डूबते को बचाने में
गिरते को उठाने में
बुज़ुर्गों को थामने में 
घायल को अस्पताल पहुँचाने में 
बेकार, लाचार हो जाती है 
 
काश . . . 
ये काम आती 
खेलने में, 
मैडल जीतने में 
धन्धे रोज़गार में 
आपदा, सैलाब में 
सीमा पर लड़ने में 
आतंकियों से भिड़ने में 
तब ये मर्दानगी, पुरुषार्थ बन जाती 
चौथे डायमेंशन से तीसरे में आ जाती
सिर्फ़ भौकाल1 नहीं, ख़ूबी बन जाती 
  
1. भौकाल= पूर्वी उत्तर प्रदेश, ख़ास करके लखनऊ के आसपास के इलाक़ों में, बढ़चढ़ अपनी शेखी बघारने, अपना प्रभाव दिखने के अर्थ में प्रयोग में आता है। 

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टिप्पणियाँ

डॉ पदमावती 2021/08/27 05:19 PM

कमाल है शैली जी ।बधिया उधेड़ कर रख दी आपने तो । बहुत ख़ूब । मर्दानगी को सही परिभाषित किया है । सही पकड़े हैं

जयंती नयन 2021/08/26 08:52 PM

एकदम सही

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