त्रिशंकु सी
काव्य साहित्य | कविता शैली1 Jun 2022 (अंक: 206, प्रथम, 2022 में प्रकाशित)
मध्यम वर्ग की स्त्रियाँ,
त्रिशंकु सी
अधर में झूलतीं
बंधनों में बँधी
स्वच्छंद उड़ते
परिंदों को देखतीं
परवाज़ चाहतीं
पंख खोलने से
डरतीं
कल्पना को
कार्य में
लाने से डरतीं
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पाण्डेय सरिता 2022/05/31 04:39 PM
बहुत बढ़िया