शब्दार्थ
काव्य साहित्य | कविता शैली1 Jun 2022 (अंक: 206, प्रथम, 2022 में प्रकाशित)
अर्थ किसी शब्द में नहीं होता,
सभी क्षण भंगुर हैं,
इनका अस्तित्व नहीं होता
हमारे विचार और प्रयत्न
इन शब्दों में अर्थ भरते
जितनी शिद्दत हो
उतने अर्थ निकलते
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टिप्पणियाँ
पाण्डेय सरिता 2022/05/31 04:42 PM
जितने लोग,उतने विचार और उतने शब्दार्थ
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राजनन्दन सिंह 2022/06/01 05:24 AM
शब्दों को परिभाषित करती गूढ़ार्थी कविता। बधाई शैली जी।