हिन्दी से है हमारी पहचान
काव्य साहित्य | कविता प्रवीण कुमार शर्मा15 Sep 2025 (अंक: 284, द्वितीय, 2025 में प्रकाशित)
चलो हम भी आज
दुनिया से क़दमताल करते हैं
हिन्दी भाषा के चलो हम भी
औरों की तरह गुणगान करते हैं।
आज का दिवस है विशेष
हिन्दी जन-जन में है अभी भी शेष।
माना कि पूरी साल हम
अँग्रेज़ बने फिरते हैं
फिर भी हम हिन्दी दिवस
के दिन हिन्दी को गुनगुनाते हैं।
हिन्दी से है हमारी पहचान
एक दिन की ही है यह हमारी शान।
फिर पूरी साल
इसे हम भुलाते हैं
चलो एक दिन ही सही
हम हिन्दी को याद करते हैं।
आओ आज हिन्दी दिवस
पूरे जोश और धूमधाम से मनाएँ
नयी नयी रील बनाएँ
और सुन्दर से स्टेटस लगाएँ।
फिर पूरी साल हिंदी
से बन जानी है दूरी
आज हिन्दी को पुष्पांजलि अर्पित कर
हमको अपनी अभिलाषा करनी है पूरी।
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