स्वतंत्रता दिवस – राजेश 'ललित'
काव्य साहित्य | कविता - हाइकु राजेश ’ललित’1 Sep 2021 (अंक: 188, प्रथम, 2021 में प्रकाशित)
1.
साल वह था
उन्नीस सैंतालीस
मिली आज़ादी
2.
तिथि पंद्रह
अगस्त की जब
मिली आज़ादी
3.
बहुत लोगों
का रक्त बहा तब
मिली आज़ादी
4.
खो गया भाई
पिता किसी ने तब
मिली आज़ादी
5.
फहराया है
जब तिरंगा तो ही
मिली आज़ादी
6.
है बलिदान
दिया सबने तब
मिली आज़ादी
7.
भारत माता
की जयकार सब
रहे पुकार
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राजेश'ललित' 2021/08/28 11:58 PM
हाईकु मैं यदा कदा एक या दो लिखता हूँ परंतु इस बार स्वतंत्रता दिवस पर आज़ादी की कहानी लिखी हाईकु में।मेरे प्रयास को आदरणीय सुमन कुमार घई जी ने कनाडा से निकलने वाली वैश्विक साहित्यिक पत्रिका "साहित्य कुञ्ज" में स्थान दिया;इसके लिये धन्यवाद और आभार ।