सर्दी आई
बाल साहित्य | बाल साहित्य कविता राजेश ’ललित’1 Dec 2021 (अंक: 194, प्रथम, 2021 में प्रकाशित)
सर्दी आई,
सर्दी आई,
ओढ़ो स्वैटर;
निकालो रज़ाई।
ममी आज,
तुम सूप बनाओ;
गर्म गर्म,
हमको पिलाओ;
पापा लाना,
गुड़ वाली मिठाई!
चलो चलो,
स्कूल तुम जाओ!
वर्दी पहनो
जूते, मोज़े, दस्ताने पहनाओ
जायें कैसे?
चारों ओर धुँध है छाई!
बाहर चलो,
धूप निकली है;
सर्दी में धूप लगती,
भली है;
खेलो पिट्ठू,
पकड़न पकड़ाई
खेलो कूदो,
मत करो लड़ाई;
आपस में सब,
भाई-भाई ,
संभाल लेना;
किताबों को,
मत भूलो अपनी पढ़ाई ।
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Shivam Sharma 2021/11/26 01:29 PM
Main apni khud ki kavitaen aapki bich mein dalna chahta hun kya mujhe anumati hai