जीवन सस्ता है
काव्य साहित्य | कविता राजेश ’ललित’15 Apr 2025 (अंक: 275, द्वितीय, 2025 में प्रकाशित)
जीवन सस्ता है,
कफ़न महँगा है,
जीवन सस्ता है,
इलाज महँगा है,
जीवन सस्ता है,
पानी महँगा है,
जीवन सस्ता है,
बीड़ी महँगी है,
जीवन सस्ता है,
गोली महँगी है,
जीवन सस्ता है,
आँखों में शर्म महँगी है,
जीवन सस्ता है,
सत्य वचन महँगा है,
जीवन सस्ता है,
बात महँगी है,
जीवन सस्ता है,
धर्म महँगा है,
जीवन सस्ता है,
विधर्म महँगा है,
जीवन सस्ता है,
अधर्म महँगा है,
जीवन सस्ता है,
कर्म महँगा है,
जीवन सस्ता है,
सत्कर्म महँगा है,
जीवन सस्ता है
दुष्कर्म महँगा है,
जीवन सस्ता है,
प्रेम महँगा है,
जीवन सस्ता है,
घृणा महँगी है,
जीवन सस्ता है,
खाना महँगा है,
जीवन सस्ता है,
ओढ़ना महँगा है,
जीवन सस्ता है,
घर में रहना महँगा है,
जीवन सस्ता है,
विचार महँगा है,
जीवन सस्ता है,
आचार महँगा है,
जीवन सस्ता है,
संस्कार महँगा है,
जीवन सस्ता है,
जीवन का आधार महँगा है,
जीवन सस्ता है,
पढ़ना महँगा है,
जीवन सस्ता है,
दोस्त महँगा है,
जीवन सस्ता है,
रिश्ता महँगा है,
जीवन सस्ता है,
बाक़ी सब महँगा है।
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Kriti 2025/04/15 09:47 PM
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