होली
काव्य साहित्य | कविता कुमकुम कुमारी 'काव्याकृति'15 Mar 2022 (अंक: 201, द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)
आया होली का त्योहार,
छाया सबपे ख़ुमार।
लेकर रंग गुलाल,
देखो आए नंदलाल॥
संग लेकर ग्वाल-बाल,
पहुँचे राधा के द्वार।
करने मस्ती अपार,
सुंदर है यह त्योहार॥
लेकर हरी गुलाबी रंग,
राधा आई गोपियों संग।
करने रंगों की बौछार,
आज कान्हा आए द्वार॥
बजने लगे ढोल-नागाड़,
उसपे थिरके नर-नार।
भाईचारे का मिसाल,
बना होली का त्योहार॥
उड़े रंगों की फुहार,
चले वसंती बयार।
मिटा के समस्त विकार,
करें प्रेम का व्यापार॥
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