जंगल
काव्य साहित्य | कविता कपिल कुमार1 Jun 2023 (अंक: 230, प्रथम, 2023 में प्रकाशित)
जब जंगल विरोध करें
कुल्हाड़ियों का
एक तीली लेकर
उसमें डाल दो, 
 
चंद मिनटों बाद देखोगे
उसी हरे-भरे जंगल को
स्याह होते। 
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