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प्रतिज्ञा-पत्र की खोज

क्या? 
तुमने कभी सोचा है, 
पिछले जन्मों में 
हमारे मध्य हुई 
प्रेम-प्रतिज्ञा की, 
कोई खोई हुई प्रति 
मिल जाएगी शायद। 
 
मिस्र के पिरामिडों के नीचे 
मोहनजोदड़ो-हड़प्पा सभ्यताओं में 
मेरियाना गर्त की सतह पर 
प्रसुप्त ज्वालामुखी के लावा व मैग्मा में 
किसी दबे हुए प्रेम-शिलालेख पर 
नदी के किनारे रेत से ढके हुए
इसका क्या पता? 
सूरज भी वही जलता प्रेम-पत्र हो। 
 
किसी दिन हम दोनों 
चलते हैं, साथ-साथ 
पूरी दुनिया का चक्कर लगाने 
ढूँढ़ते हैं, उस प्रतिज्ञा-पत्र को
जिसमें लिखा है
जन्मों-जन्मों तक साथ रहना
और करते हैं
प्रेम का विस्तार 
“अनंत से भी बहुत आगे।” 

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