शिक्षक
काव्य साहित्य | कविता डॉ. प्रीति सुरेंद्र सिंह परमार15 Sep 2023 (अंक: 237, द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)
जो तुम्हें तुमसे मिला दे
तुम्हें आईना दिखा दे
मन में जुनून बसा दे
हारने पर तुम्हें फिर उठ
खड़ा होना सिखा दे
ख़ुद दीपक जैसे जलकर
तुझे रोशन होना सिखा दे
राष्ट्रभक्ति राष्ट्र प्रेम सिखाए
सही ग़लत का भेद बताए
उसकी दी सीखों को तू
जीवन भर भूल न पाए
बच्चों में जो घुल मिल जाए
ज्ञान के सागर में ले जाए
जिसे देख तू नतमस्तक हो
वही शिक्षक, शिक्षक कहलाए
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