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छुट-पुट अफ़साने . . . एपिसोड–020

ज़िन्दगी के किसी काल की घटनाएँ और प्रसंग जब स्मृति पटल पर छा अठखेलियाँ करते हैं, तो दिल अनायास धड़क उठता है। कितना कुछ सामने होता है बयाँ करने को अलबत्ता कोई सुनने वाला हो। 

चलिए चलते हैं कश्मीर की हसीन वादियों में बसे पहलगाम में, जहाँ “रोटी” फ़िल्म की शूटिंग चल रही थी 1974 में। मुमताज़ हिरोइन का ढाबे का शॉट था। ढाबे के पीछे टैंट लगाया गया था, जिसमें एक मंजा (खाट) बिछा रखा था। उस पर मैं तीन वर्ष के मोहित को लिए बैठी थी। फ़िल्म में मुमताज़ ढाबेवाली थी। वो एक ही शॉट बार-बार देकर आती थी और आते ही नन्हे मोहित से हाथ मिलाती थी। वो बोलता था, “मोत आंटी हो गया, अब चलें?” 

“अभी नहीं, दबलू-बबलू, अभी फिर जाना है।” वो बोलतीं और मस्ती में उसे गोद में उठा कर बैठ जाती, उसके पके सेब से लाल गालों को सहला कर प्यार करती। फिर उठ कर चली जाती। फिर आ जाती। आठ-दस बार यही होता रहा। तब कहीं जाकर एक सीन का शॉट होता। सच बताऊँ, बहुत बोरिंग होता है शूटिंग देखना। धन्य हैं ये कलाकार लोग। कैसे-कैसे हालातों में शूटिंग करते हैं! 

एक बार “आमदनी अठन्नी ख़र्चा रुपैया” फ़िल्म की शूटिंग हो रही थी लिदर दरिया के किनारे। हम लोग शूटिंग देखने गए तो हैरान थे देखकर कि बर्फ़ीले ठंडे पानी में गाना गाने के लिए वे लड़कियाँ पैर डालकर खड़ी होतीं और फिर बाहर आतीं तो उनको छोटे-छोटे ब्रांडी के पेग दिए जाते। वे पी लेतीं और काँपती रहतीं। थोड़ी देर बाद फिर वही शॉट होता और वे फिर पानी के भीतर होतीं। वही प्रक्रिया फिर दोहराई जाती। बहुत तरस आता उन पर। क्योंकि हम जानते थे कि लिदर के बर्फ़ीले पानी में लगातार पाँच मिनट तक खड़े रहने के लिए लोग आए दिन शर्तें लगाते रहते थे और हिम्मत हार जाते थे। सो, धन्य होते हैं ये कलाकार। 

राजेश खन्ना उस समय पहले सुपर-स्टार बने थे। उनकी सभी फ़िल्में बॉक्स ऑफ़िस पर हिट हो रहीं थीं। राजकपूर की “बॉबी” फ़िल्म सुपरहिट थी। उनकी बॉबी यानी कि हिरोइन डिम्पल कपाड़िया राजेश खन्ना की दीवानी थी तभी तो अपनी पहली फ़िल्म के बाद ही उसने राजेश खन्ना से शादी कर ली। जबकि वे उम्र में उससे दुगुने थे। और उनकी सहेली अंजु महेंद्रु जो राजेश खन्ना से शादी करने की आस लगाए बैठी थी वह हाथ मलती रह गईं। ख़ैर, हम तो चर्चा कर रहे थे “रोटी” फ़िल्म की। आपने गाना सुना होगा—

“यह पब्लिक है यह सब जानती है! अरे अंदर क्या है अरे बाहर क्या है यह सब पहचानती है।” . . . 

इस गाने का शॉट पहलगाम मेन रोड पर हो रहा था और आर.के. स्टुडियो के सामने इसका सेट लगा था। वहीं छतरी लगाकर उसके नीचे तीन-चार कुर्सियाँ रखकर राजेश खन्ना, डायरेक्टर और हम लोग भी बैठे हुए थे। मेकअप मैन बार-बार आकर राजेश खन्ना का टच-अप करता था। इतने में स्टुडियो से एक सरदार लड़का भोला हाथ में एक फोटो फ़्रेम लिए नीचे उतरा और आकर राजेश खन्ना से बोला कि यह डिंपल जी की फोटो है आप इस पर साइन कर दो। उन्होंने कहा कि भाई यह डिंपल जी की फोटो है तो डिंपल ही साइन करेगी मैं कैसे साइन कर सकता हूँ? मैं तो अपनी फोटो पर साइन करूँगा ना! इतने में वो ज़िद करने लगा, “नहीं आप ही साइन करो“! तो वह बोले कि यह क्या ज़िद है कि नहीं साइन कर सकता हूँ। इतना सुनकर वह लड़का हाथ में फ़्रेम लेकर दुकान की सीढ़ियाँ चढ़ गया और वहाँ ऊपर से उसने वह फोटो फ़्रेम राजेश खन्ना के पैरों में ज़ोर से फेंका, जिससे वहाँ पर “धड़ाम” की आवाज़ के साथ फोटो फ़्रेम गिरा, डिंपल की तस्वीर थी उसमें और सारी जगह काँच के टुकड़े फैल गए। 

लो जी वहाँ तो भगदड़ मच गई। राजेश खन्ना के बॉडीगार्ड्स उसको पकड़ने के लिए भीतर दौड़े उसके पीछे। पर वह पता नहीं कहाँ गुम हो गया। वह लोग ऊपर नीचे सब जगह ढूँढ़ रहे थे। हमारे घर में भी पहुँच गए, नीचे डॉर्क रूम में भी गए। आर.के. स्टुडियो के पीछे माउंट व्यू होटल में भी उसको ढूँढ़ने गए लेकिन वह कहीं नहीं मिला। सभी हैरान थे आख़िर वह गया कहाँ? ढेरों आदमी चारों तरफ़ फैल गए थे। रवि जी को बहुत बुरा लग रहा था। काका जी (राजेश खन्ना को इसी नाम से बुलाया जाता था) कहने लगे, “रवि जी उसे तो ढूँढ़ना ही पड़ेगा। हमारी फ़िल्म इंडस्ट्री में तो ऐसी बातें आग की तरह फैलती हैं। देखिए आप क्या कर सकते हैं, हमने तो उसे छोड़ना नहीं। बहुत ही बदतमीज़ है।” रवि जी ने भी तसल्ली दी उनको। अपने तीस-बत्तीस जितने भी काम करने वाले लड़के थे, उन सब को बोला कि वो जाएँ और उसे ढूँढ़ कर लाएँ। 

दोपहर से रात हो गई और वह नहीं मिला। 

किसी ने भी खाना नहीं खाया और हम ऊपर कमरे में सोने आए तो उसकी बीवी आ गई। बोली, “पापा जी उसे ढूँढ़ दीजिए वह कहाँ गया?” तो वहाँ एकदम से आवाज़ आई, “मैं यहाँ हूँ।” हमारे बीच वाले कमरे में पलंग के नीचे से वह आवाज़ आई थी और वह सारी दोपहर से वहाँ पर लेटा हुआ था। हम पलंग के नीचे झाँकने लगे, तो वह बाहर निकल आया। असल में वह कमरा इतना छोटा था कि उसके पलंग के नीचे झाँकने की जगह ही नहीं थी। सो वह आराम से वहाँ पड़ा रहा क्योंकि कोई वहाँ झाँक ही नहीं सका और सब ढूँढ़ते रह गए। रवि जी ने उसको बहुत डाँटा उसकी उस पागल हरकत के लिए और कहा, “तुम दोनों यहाँ से एक दम निकल जाओ। पहलगाम में मत रहना रातों-रात बाहर चले जाओ, नहीं तो यह लोग तुम को छोड़ेंगे नहीं। राजेश खन्ना का मूड बहुत ख़राब है।” और रात के अँधेरे में उनको पहलगाम से बाहर भेज दिया। 

अगले दिन शूटिंग कैंसल हो गई थी। हम लोगों राजेश खन्ना के पास होटल में मिलने गए तो वहाँ बैठे-बैठे उन्होंने बताया, “भाभी मुझे बहुत वहम हो गया था उसकी इस हरकत से। अभी मैंने किसी को बताया नहीं पर डिंपल प्रेग्नेंट है और मेरी माँ जी उसकी और बच्चे की सलामती के लिए प्रार्थना करने अभी अमरनाथ की यात्रा को गई हुई हैं। आपने देखा न उसने कैसे डिम्पल की फोटो फेंकी।” मैंने उनको तसल्ली दी। फिर वे नन्हे मोहित की बातों में गुम हो गए और मूड ठीक हो गया उनका। मोहित को लाड़ लड़ाते थे। हर दिन बोलते थे, “मोहित को तो मैं ले जाऊँगा।” 

एक दिन बोले, “अगर मेरी बेटी हुई तो फिर तो ये हमारा ही हो जाएगा।” . . .

हा हा हाँ, ये सब बातें धरी रह जाती हैं। वक़्त अपनी चाल चलता है। आज उनकी बेटी अक्षय कुमार की बीवी है। उनकी अपनी लाइफ़ ही ट्रेजेडी बन गई थी। हम भी तो यह बातें भूल ही गए थे आज अफ़साने सुनाने लगे तो याद आ गईं। फिर मिलती हूँ . . .

वीणा विज ‘उदित’

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