शिक्षा का हाल
काव्य साहित्य | कविता जितेन्द्र 'कबीर'15 Dec 2020 (अंक: 171, द्वितीय, 2020 में प्रकाशित)
जब एक पाँचवीं-आठवीं फ़ेल
मिस्त्री ठेकेदार
काम पर रखता है
आठ-दस हज़ार रुपयों में
एक बी.टेक. डिग्री होल्डर को,
तब अनुभव धौंस जमाता है
शिक्षा पर अपनी।
जब एक दसवीं-बारहवीं फ़ेल
उद्योगपति
काम पर रखता है
बीस-पच्चीस हज़ार रुपयों में
एक चार्टर्ड अकाउंटेंट को,
तब पैसा रोब जमाता है
शिक्षा पर अपना।
जब एक आठवीं-दसवीं फ़ेल
व्यापारी
निजी अस्पताल के लिए
काम पर रखता है
एक एम बी बी एस डिग्री होल्डर
डॉक्टर को
तब व्यापार श्रेष्ठता दिखाता है
शिक्षा पर अपनी।
जब एक लगभग अनपढ़
आदमी नेता
आर्डर देता है अपने
अधीनस्थ आईएएस
अधिकारी को,
तब राजनीति औक़ात दिखाती है
शिक्षा को अपनी।
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