दर्द को दर्द का एहसास कहाँ होता है
शायरी | ग़ज़ल डॉ. शोभा श्रीवास्तव1 Aug 2022 (अंक: 210, प्रथम, 2022 में प्रकाशित)
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दर्द को दर्द का एहसास कहाँ होता है।
दर्द वो लफ़्ज है जो दिल में लिखा होता है॥
असर तो इश्क़ का एक सा दिखता है दिल में,
मगर हर फ़साने का अंजाम जुदा होता है।
किसी की गिरेबां में नज़र उसने डाली तो है,
शख़्स ये वही है जो ख़ुदी से छुपा होता है।
ज़ुबान चुप है, होंठों पे लरज मचलती तो है,
मरमरी जज़्बा है, बस नज़र से बयाँ होता है।
ख़ुदा दे रहा है रात दिन सबको ही 'शोभा'
करे भी क्या वो जब चद्दर फटा होता है।
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