शोभा श्रीवास्तव मुक्तक - 004
काव्य साहित्य | कविता-मुक्तक डॉ. शोभा श्रीवास्तव15 Sep 2021 (अंक: 189, द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)
(संदर्भ: हिन्दी दिवस)
1.
जिस भाषा में पहली बार माँ कहकर पुकारा है।
वो है ममता का आलंबन, वही गौरव हमारा है।।
वो हिंदी है कि जिसमें तेज है भारत की गरिमा का,
इसी ने देश के इतिहास की थाती को धारा है॥
2.
है गौरव ये हमारा और हमारी शान है हिंदी।
मचलता है हृदय में जो वो मधुरिम गान है हिंदी॥
हमारी चेतना में, भावना में जो समाई है,
उसी ममता भरी अभिव्यक्ति का वरदान है हिंदी।
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