मेरे पिया
काव्य साहित्य | कविता ममता मालवीय 'अनामिका'15 Nov 2020
मेरे प्रत्येक व्रत आपके नाम से,
मेरा सम्पूर्ण शृंगार आप पिया।
मैं रहूँ अखण्ड सौभाग्यवती,
निशदिन माँगती, यही वरदान पिया।
मेरे जीवन में उजाला आपसे,
जीवन का मेरे, आप सार पिया।
मैं रहूँ सदैव आपकी चाँदनी,
आप बने रहो, मेरे चाँद पिया।
मेरी चूड़ियों की खनक आपसे,
मेरे माथे का सिंदूर आप पिया।
मैं तब कहलाई घर की लक्ष्मी,
जब आप बने, मेरे सुहाग पिया।
कपाल की लाल बिंदी आपसे,
बिछिया की झंकार आप पिया।
आपसे जुड़ा है मेरा सर्वस्व नभ,
आप ही हो, मेरी वसुधा पिया।
जीवन का हर किरदार आपसे,
मेरा आप ही, सम्पूर्ण संसार पिया।
अगर मैं हूँ , दुर्गा के नौ अवतार,
तो आप हो, मेरे प्राणेश्वर पिया।
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