संघर्ष अभी जारी है
काव्य साहित्य | कविता ममता मालवीय 'अनामिका'1 Oct 2022 (अंक: 214, प्रथम, 2022 में प्रकाशित)
जिस राह पर बढ़ाए क़दम,
माना हर पग तनिक भारी है।
तू रुक मत मुसाफ़िर हार कर,
तेरा संघर्ष अभी जारी है।
अँधियारों से लड़ना है अभी,
मुक़द्दर लिखने की बारी है।
तू लक्ष्य पर निगाह अडिग रख,
तेरा संघर्ष अभी जारी है।
माना विपदा आएँगी कई,
समर्पण की कहानी सारी है।
ख़ुद को विश्वास से लबरेज़ रख,
तेरा संघर्ष अभी जारी है।
इतिहास लिखेगा तू भी नया,
अगर मज़बूत तेरी तैयारी है।
तू प्रयत्न के बाण चलाता जा,
तेरा संघर्ष अभी जारी है।
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