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लाल बहादुर धन्य है

 

जन्मदिवस पर लाल के, सुनें एक फ़रियाद। 
सौरभ सदा बहादुर की, सीखों को रख याद॥
 
करो-मरो की गूँज से, गूँजा हिन्दुस्तान। 
सैनिक औ किसान बढ़े, बनी शक्ति पहचान॥
 
लाल बहादुर ने करी, देश हितों की आस। 
मगर कपटियों को कभी, आई ना वो रास॥
 
फ़र्ज़ निभाते थे सदा, दीन-दुखी-हितकार। 
लाल बहादुर थे यहाँ, सच्चे पहरेदार॥
 
छलकी आज किसान के, अंतर्मन की पीर। 
लाल बहादुर के बिना, सौरभ आज अधीर॥
 
लाल बहादुर धन्य है, नमन तुम्हें सौ बार। 
सत्ता से पहले किया, जन्म भूमि से प्यार॥
 
भारत माता पूछती, आज कहाँ है लाल। 
कृषक बिना बहादुर के, चिंतित है बेहाल॥
 
भारत का अभिमान वह, आन-बान-सम्मान। 
लाल बहादुर से ही है, आज देश की शान॥

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