आधुनिक बाल पहेलियाँ
बाल साहित्य | बाल साहित्य कविता डॉ. सत्यवान सौरभ15 Nov 2025 (अंक: 288, द्वितीय, 2025 में प्रकाशित)
1.
मोबाइल से बात कराऊँ,
चुटकी में सब हाल सुनाऊँ।
मुझमें बसी है चिप बड़ी,
पड़ो मुझे, मैं चीज़ नई।
उत्तर: स्मार्टफोन
2.
काग़ज़ पर नहीं, स्क्रीन पर लिखते,
उँगली से चलते, चुपचाप दिखते।
बच्चों के हाथों में अब मैं हूँ,
ज्ञान और गेम का संगम हूँ।
उत्तर: टैब्लेट, टैब
3.
दिखने में हूँ गोल-गोल,
डिजिटल में करता कमाल।
पढ़ाता, गाता, ज्ञान बढ़ाता,
घर में सबका मन बहलाता।
उत्तर: स्मार्ट टीवी
4.
ना मैं पेड़, ना मैं फूल,
पर हवा दूँ ठंडी धूल।
गर्मी में सबको भाऊँ,
छत से लटककर मैं चल जाऊँ।
उत्तर: पंखा
5.
छू लो मुझको, जल जाऊँ,
गरम चीज़ें पकाऊँ।
रोटी-सब्ज़ी झटपट दे दूँ,
बिज्ली से काम मैं ले लूँ।
उत्तर: इंडक्शन चूल्हा
6.
सब्ज़ी-फल रखूँ मैं ठंडे,
बिना बर्फ़ के रखूँ मैं सहेजे।
गर्मी में भी ताज़ा रखूँ,
सबके घर में मैं ही दिखूँ।
उत्तर: फ़्रिज, रेफ़्रिजरेटर
7.
ज्ञान का सागर समाया मुझमें,
सवाल-जवाब सब कुछ हैं इनमें।
एक क्लिक में सब बताऊँ,
बच्चों का मैं प्यारा बन जाऊँ।
उत्तर: इंटरनेट, गूगल
8.
उड़ता नहीं, फिर भी चलता,
घर से ऑफ़िस तक ही चलता।
बैठो उसमें आराम से,
घूमो शहर के हर काम से।
उत्तर: इलेक्ट्रिक स्कूटर
9.
दो नहीं, चार पैर मेरे,
छत है मुझ पर, स्टीयरिंग घेरे।
भूख नहीं, पर पेट है बड़ा,
ईंधन पीकर भागूँ ज़रा।
उत्तर: कार
10.
देखो मुझको, पर छू ना पाओ,
कभी गोल, कभी आड़ी-तिरछी बन जाओ।
मैं हूँ रोशनी की एक छाया,
मुझमें छुपा है विज्ञान साया।
उत्तर: होलोग्राम
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