अन्तरजाल पर
साहित्य-प्रेमियों की विश्राम-स्थली

काव्य साहित्य

कविता गीत-नवगीत गीतिका दोहे कविता - मुक्तक कविता - क्षणिका कवित-माहिया लोक गीत कविता - हाइकु कविता-तांका कविता-चोका कविता-सेदोका महाकाव्य चम्पू-काव्य खण्डकाव्य

शायरी

ग़ज़ल नज़्म रुबाई क़ता सजल

कथा-साहित्य

कहानी लघुकथा सांस्कृतिक कथा लोक कथा उपन्यास

हास्य/व्यंग्य

हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी हास्य व्यंग्य कविता

अनूदित साहित्य

अनूदित कविता अनूदित कहानी अनूदित लघुकथा अनूदित लोक कथा अनूदित आलेख

आलेख

साहित्यिक सांस्कृतिक आलेख सामाजिक चिन्तन शोध निबन्ध ललित निबन्ध हाइबुन काम की बात ऐतिहासिक सिनेमा और साहित्य सिनेमा चर्चा ललित कला स्वास्थ्य

सम्पादकीय

सम्पादकीय सूची

संस्मरण

आप-बीती स्मृति लेख व्यक्ति चित्र आत्मकथा यात्रा वृत्तांत डायरी रेखाचित्र बच्चों के मुख से बड़ों के मुख से यात्रा संस्मरण रिपोर्ताज

बाल साहित्य

बाल साहित्य कविता बाल साहित्य कहानी बाल साहित्य लघुकथा बाल साहित्य नाटक बाल साहित्य आलेख किशोर साहित्य कविता किशोर साहित्य कहानी किशोर साहित्य लघुकथा किशोर हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी किशोर हास्य व्यंग्य कविता किशोर साहित्य नाटक किशोर साहित्य आलेख

नाट्य-साहित्य

नाटक एकांकी काव्य नाटक प्रहसन

अन्य

पत्र कार्यक्रम रिपोर्ट सम्पादकीय प्रतिक्रिया पर्यटन

साक्षात्कार

बात-चीत

समीक्षा

पुस्तक समीक्षा पुस्तक चर्चा रचना समीक्षा
कॉपीराइट © साहित्य कुंज. सर्वाधिकार सुरक्षित

आधुनिक तकनीक के फ़ायदे और नुक़्सान

 

1. डिजिटल युग

डिजिटल युग अब दौड़ता, बदल-बदलकर चाल. 
जो सीखे, वो बढ़ चले, चमके उसका भाल॥

2. सोशल मीडिया

लाइकों की भीड़ में, खोया सबका ध्यान. 
आभासी इस दौर में, ढूँढ़ रहे पहचान॥

3. कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और भविष्य

सोच रहा है यंत्र भी, सीख रहा हर भेद. 
नित मानव के ज्ञान में, करकर के अब छेद॥

4. साइबर सुरक्षा

पासवर्ड जो लीक हो, आए संकट घोर. 
आभासी संसार में, क़ाबू में रख डोर॥

5. ऑनलाइन शिक्षा

पढ़े सभी अब नेट से, खुली नयी है राह. 
पर गुरु जैसा ज्ञान दे, कहे कौन अब वाह॥

6. मशीनों पर निर्भरता

यंत्र करेंगे काम सब, मनुज रहेगा मौन. 
रुक जाएगी सोच गर, बुद्ध बनेगा कौन॥

7. सोशल मीडिया और समय

मोबाइल की लत लगी, थककर बैठे मौन. 
इतना भी ना देखते, पास खड़ा है कौन॥

8. तकनीक और आलस्य

बटन दबे, हो काम सब, सुविधा मिले अपार. 
परिश्रम घटता जो गया, जड़ता दे उपहार॥

अन्य संबंधित लेख/रचनाएं

अँधियारे उर में भरे, मन में हुए कलेश!! 
|

मन को करें प्रकाशमय, भर दें ऐसा प्यार! हर…

अटल बिहारी पर दोहे
|

है विशाल व्यक्तित्व जिमि, बरगद का हो वृक्ष। …

अमन चाँदपुरी के कुछ दोहे
|

प्रेम-विनय से जो मिले, वो समझें जागीर। हक़…

अर्थ छिपा ज्यूँ छन्द
|

बादल में बिजुरी छिपी, अर्थ छिपा ज्यूँ छन्द।…

टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

ललित निबन्ध

कविता

साहित्यिक आलेख

लघुकथा

हास्य-व्यंग्य कविता

दोहे

सामाजिक आलेख

ऐतिहासिक

सांस्कृतिक आलेख

किशोर साहित्य कविता

काम की बात

पर्यटन

चिन्तन

स्वास्थ्य

सिनेमा चर्चा

विडियो

उपलब्ध नहीं

ऑडियो

उपलब्ध नहीं

लेखक की पुस्तकें

  1. बाल-प्रज्ञान
  2. खेती किसानी और पशुधन
  3. प्रज्ञान
  4. तितली है खामोश