उड़े तिरंगा बीच नभ
काव्य साहित्य | दोहे डॉ. सत्यवान सौरभ15 Aug 2022 (अंक: 211, द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)
आज तिरंगा शान है, आन, बान, सम्मान।
रखने ऊँचा यूँ इसे, हुए बहुत बलिदान॥
नहीं तिरंगा झुक सके, नित करना संधान।
इसकी रक्षा के लिए, करना है बलिदान॥
देश प्रेम वो प्रेम है, खींचे अपनी ओर।
उड़े तिरंगा बीच नभ, उठती ख़ूब हिलोर॥
शान तिरंगे की रहे, दिल में लो ये ठान।
हर घर, हर दिल में रहे, बन जाए पहचान॥
लिए तिरंगा हाथ में, ख़ुद से करे सवाल।
देश प्रेम के नाम पर, हो ये ना बदहाल॥
लिए तिरंगा हाथ में, टूटे नहीं जवान।
सीमा पर रहते खड़े, करते सब बलिदान॥
लाज तिरंगे की रहे, बस इतना अरमान।
मरते दम तक मैं रखूँ, दिल में हिंदुस्तान॥
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