नटखट रचावे लीला न्यारी हो
काव्य साहित्य | गीत-नवगीत आशीष कुमार1 Sep 2022 (अंक: 212, प्रथम, 2022 में प्रकाशित)
(श्री कृष्ण भजन)
नटखट रचावे लीला न्यारी हो
मोरा बाँके बिहारी
नटखट रचावे लीला न्यारी हो
मोरा बाँके बिहारी
बाँके बिहारी मोरा बाँके बिहारी
बाँके बिहारी मोरा बाँके बिहारी
नटखट रचावे लीला न्यारी हो
मोरा बाँके बिहारी
नटखट रचावे लीला न्यारी हो
मोरा बाँके बिहारी
आई पूतना बालक उठाने
बालक उठाने हो बालक उठाने
दूध मुँहे को माहुर पिलाने
माहुर पिलाने हो माहुर पिलाने
हर लिए प्राण पटवारी हो
मोरा बाँके बिहारी
बाँके बिहारी मोरा बाँके बिहारी
बाँके बिहारी मोरा बाँके बिहारी
नटखट रचावे लीला न्यारी हो
मोरा बाँके बिहारी
नटखट रचावे लीला न्यारी हो
मोरा बाँके बिहारी
ग्वाल बाल संग गैया चरावे
गैया चरावे हो गैया चरावे
जमुना के तट पर खेले खिलावे
खेले खिलावे हो खेले खिलावे
खेल खेल में नथाया कालिया भारी हो
मोरा बाँके बिहारी
बाँके बिहारी मोरा बाँके बिहारी
बाँके बिहारी मोरा बाँके बिहारी
नटखट रचावे लीला न्यारी हो
मोरा बाँके बिहारी
नटखट रचावे लीला न्यारी हो
मोरा बाँके बिहारी
गोपियाँ सारी माखन छुपावें
माखन छुपावें हो माखन छुपावें
गोविंदा बन कर माखन चुरावें
माखन चुरावे हो माखन चुरावें
फोड़ दिया मटका बनवारी हो
मोरा बाँके बिहारी
बाँके बिहारी मोरा बाँके बिहारी
बाँके बिहारी मोरा बाँके बिहारी
नटखट रचावे लीला न्यारी हो
मोरा बाँके बिहारी
नटखट रचावे लीला न्यारी हो
मोरा बाँके बिहारी
लगा गरजने मेघ क्षितिज पर
मेघ क्षितिज पर हो मेघ क्षितिज पर
मदी इंद्र के भारी क़हर पर
भारी क़हर पर हो भारी क़हर पर
तोड़ दिया घमंड गोवर्धन धारी हो
मोरा बाँके बिहारी
बाँके बिहारी मोरा बाँके बिहारी
बाँके बिहारी मोरा बाँके बिहारी
नटखट रचावे लीला न्यारी हो
मोरा बाँके बिहारी
नटखट रचावे लीला न्यारी हो
मोरा बाँके बिहारी
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