अन्तरजाल पर
साहित्य-प्रेमियों की विश्राम-स्थली

काव्य साहित्य

कविता गीत-नवगीत गीतिका दोहे कविता - मुक्तक कविता - क्षणिका कवित-माहिया लोक गीत कविता - हाइकु कविता-तांका कविता-चोका कविता-सेदोका महाकाव्य चम्पू-काव्य खण्डकाव्य

शायरी

ग़ज़ल नज़्म रुबाई क़ता सजल

कथा-साहित्य

कहानी लघुकथा सांस्कृतिक कथा लोक कथा उपन्यास

हास्य/व्यंग्य

हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी हास्य व्यंग्य कविता

अनूदित साहित्य

अनूदित कविता अनूदित कहानी अनूदित लघुकथा अनूदित लोक कथा अनूदित आलेख

आलेख

साहित्यिक सांस्कृतिक आलेख सामाजिक चिन्तन शोध निबन्ध ललित निबन्ध हाइबुन काम की बात ऐतिहासिक सिनेमा और साहित्य सिनेमा चर्चा ललित कला स्वास्थ्य

सम्पादकीय

सम्पादकीय सूची

संस्मरण

आप-बीती स्मृति लेख व्यक्ति चित्र आत्मकथा यात्रा वृत्तांत डायरी बच्चों के मुख से बड़ों के मुख से यात्रा संस्मरण रिपोर्ताज

बाल साहित्य

बाल साहित्य कविता बाल साहित्य कहानी बाल साहित्य लघुकथा बाल साहित्य नाटक बाल साहित्य आलेख किशोर साहित्य कविता किशोर साहित्य कहानी किशोर साहित्य लघुकथा किशोर हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी किशोर हास्य व्यंग्य कविता किशोर साहित्य नाटक किशोर साहित्य आलेख

नाट्य-साहित्य

नाटक एकांकी काव्य नाटक प्रहसन

अन्य

रेखाचित्र पत्र कार्यक्रम रिपोर्ट सम्पादकीय प्रतिक्रिया पर्यटन

साक्षात्कार

बात-चीत

समीक्षा

पुस्तक समीक्षा पुस्तक चर्चा रचना समीक्षा
कॉपीराइट © साहित्य कुंज. सर्वाधिकार सुरक्षित

कोटि-कोटि नमन बिहार

 

नाम मिला बौद्ध विहार से
मगध साम्राज्य का आकार
हर युग के जीवंत साक्षी
कोटि-कोटि नमन बिहार
 
अतीत तुम्हारा गौरवशाली
कीर्ति तुम्हारी अपरंपार
महापुरुषों की भूमि हो तुम
वीरों की गिनती अपार
 
विश्व विजेता सिकंदर भी डर कर
कर ना सका था नदी पार
लौट गई थी सेना उसकी
सुनकर तुम्हारी विजय हुंकार
 
सम्राट अशोक की यश गाथा हो
बाबू कुँवर सिंह की ललकार
गाँधी जी की प्रथम सत्याग्रह भूमि
वैशाली का प्रथम गणतंत्र आकार
 
राजा जनक का संयम हो तुम
माँ जानकी का सौम्य संस्कार
वाल्मीकि की रामायण रचना
लव कुश की धनुष टंकार
 
जन्म लिया जहाँ महावीर ने
बुद्ध को मिला ज्ञान भंडार
गुरु गोविंद सिंह सा शूरवीर
दिया चाणक्य जैसा नीतिकार
 
आर्यभट्ट सा गणितज्ञ जिसने
शून्य का किया आविष्कार
महर्षि पाणिनि ने बताया व्याकरण
उत्तम भाषा प्रकृति विचार
 
गया जी का मुक्तिधाम जहाँ
बहे माँ गंगा की अविरल धार
बिस्मिल्लाह खाँ की मधुर शहनाई
समुद्र मंथन वाला पर्वत मंदार
 
भारत देश की हृदयस्थली
हमारे हृदय के तुम हो प्यार
ईश्वर बरसाये आशीष तुम पर
कोटि-कोटि नमन बिहार

अन्य संबंधित लेख/रचनाएं

'जो काल्पनिक कहानी नहीं है' की कथा
|

किंतु यह किसी काल्पनिक कहानी की कथा नहीं…

14 नवंबर बाल दिवस 
|

14 नवंबर आज के दिन। बाल दिवस की स्नेहिल…

16 का अंक
|

16 संस्कार बन्द हो कर रह गये वेद-पुराणों…

16 शृंगार
|

हम मित्रों ने मुफ़्त का ब्यूटी-पार्लर खोलने…

टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

कविता

किशोर साहित्य कविता

हास्य-व्यंग्य आलेख-कहानी

नज़्म

कहानी

हास्य-व्यंग्य कविता

गीत-नवगीत

कविता - हाइकु

बाल साहित्य कविता

विडियो

उपलब्ध नहीं

ऑडियो

उपलब्ध नहीं