नए साल की सबको शुभ मंगल बधाई
काव्य साहित्य | कविता आशीष कुमार15 Jan 2023 (अंक: 221, द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)
सुबह सवेरे कूकी कोयल चिड़िया चहचहाई
आँखें खुलते ही नई नवेली पहली किरण मुस्काई
मेरे दिल की गहराइयों से सबसे पहले
नए साल की सबको शुभ मंगल बधाई
धरती पर ओस की चादर लिपट लिपट आई
बाग़ में खिली कली खुलकर खिलखिलाई
देखो नाच-नाच कर तितलियाँ भी दे रही
नए साल की सबको शुभ मंगल बधाई
ठंडी हवा ने चारों तरफ़ अपनी हुकूमत जमाई
पर बच्चे-बूढ़े सबने छोड़ी अपनी-अपनी रजाई
दीवानों सा जोश लेकर देने निकले हैं सभी
नए साल की सबको शुभ मंगल बधाई
नए साल के स्वागत में सबने पलकें हैं बिछाई
सभी बालाओं ने द्वार पर रंगोली है बनाई
झूम झूम कर मस्ती में दे रहे हैं सारे
नए साल की सबको शुभ मंगल बधाई
फोड़े पटाखे बच्चों ने फुलझड़ियाँ जलाई
ठूँस-ठूँस कर खिला रहे एक दूजे को मिठाई
सबकी ज़ुबान पर चढ़ा है बस एक ही राग
नए साल की सबको शुभ मंगल बधाई
मंदिर में मूरत के आगे सब ने क़तार लगाई
श्रद्धा सुमन अर्पित कर ईश्वर की वंदना गाई
शुभ मंगल प्रीतिमय आशीष की कामना संग
नए साल की सबको शुभ मंगल बधाई
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