बच्चों को ख़ूब लुभाते आम
बाल साहित्य | बाल साहित्य कविता आशीष कुमार1 Jun 2022 (अंक: 206, प्रथम, 2022 में प्रकाशित)
खट्टे मीठे पीले आम
कितने हैं रसीले आम
सभी फलों के राजा हैं
सबसे ऊँची इनकी शान
आई गर्मी लेकर आम
सूझा ना कोई और काम
आम तोड़ने की हुई तैयारी
दौड़े बच्चे दिल को थाम
बाग़ बग़ीचे भरे पड़े हैं
लटके तरह-तरह के आम
माली के नज़रों से छुप कर
निशाना लगाते गुलेल थाम
जिसका निशाना पक्का होता
मिलता उसको उसका इनाम
लगे पत्थर जो माली के सर पर
सरपट भागे धड़ाम धड़ाम
सबके दिलों की पसंद हैं यह
सबके मन को ललचाते आम
पल भर में चट कर जाते
बच्चों को ख़ूब लुभाते आम
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