कन्या पूजन
काव्य साहित्य | कविता आशीष कुमार15 Oct 2022 (अंक: 215, द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)
नव दुर्गा के नौ रूपों का
मैं करता कन्या पूजन
आई है मैया कन्या रूप में
मेरा जीवन हो गया पावन
 
आदर सहित मैया को मैंने
दिया है ऊँचा आसन
भक्ति भाव से पाँव पखारूँ
हो जाऊँ तुम पर अर्पण
 
लाल चुनरिया सर पर ओढ़ाई
माथे कुमकुम टीका लगाया
फूलों की माला पहनाकर
हाथ जोड़ कर शीश झुकाया
 
मन की ज्योत जलाई मैंने
हृदय से आरती उतारी मैंने
हलवा पूरी का भोग लगा कर
श्रद्धा सुमन अंजली चढ़ाई मैंने
 
सौभाग्य होता मेरा मैया
होता जो तेरा सिंह वाहन
नतमस्तक हो बैठा रहता
करता नित्य ही दर्शन
 
दे दो आशीष मुझको मैया
मैं करता रहूँ तेरा वंदन
नव दुर्गा के नौ रूपों का
मैं करता कन्या पूजन
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