पायल बोले छनन छनन
काव्य साहित्य | गीत-नवगीत आशीष कुमार1 Oct 2022 (अंक: 214, प्रथम, 2022 में प्रकाशित)
पायल बोले छनन छनन
छनन छनन हो छनन छनन
शुभातिशुभ नवरात्रि आई
सभी सुखों की दात्री आई
जगत जननी माँ जगदंबा
पधारी है मेरे आँगन
पायल बोले छनन छनन
छनन छनन हो छनन छनन
सूरज ने बिंदी का रूप ले डाला
माथे पर चंदा करता उजाला
हृदय में ममता की बहती है गंगा
झूमे सब हो के मगन
पायल बोले छनन छनन
छनन छनन हो छनन छनन
आई है करके सिंह सवारी
माथे पर सोने का मुकुट है भारी
कानों में कुण्डल हाथों में भाला
जय जय अंबे है गूँजे गगन
पायल बोले छनन छनन
छनन छनन हो छनन छनन
शक्ति की देवी कहे दुनिया सारी
भक्ति है मैंने तुझ पर वारी
विनती है तुझसे हे माँ दुर्गा
सदा विराजो ना मेरे भवन
पायल बोले छनन छनन
छनन छनन हो छनन छनन
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