नव वर्ष की शुभ घड़ी आई
काव्य साहित्य | कविता आशीष कुमार15 Jan 2024 (अंक: 245, द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)
बीता दिसंबर जनवरी आई
सबके दिलों में मस्ती छाई
खुशियांँ मनाओ मंगल गाओ
नव वर्ष की शुभ घड़ी आई
घड़ी पर सबने नज़रें टिकाई
बारह बजते ही सबने धूम मचाई
नाचो गाओ उत्सव मनाओ
नव वर्ष की शुभ घड़ी आई
अर्द्धरात्रि में घंटियाँ टनटनाईं
देने लगे सभी मंगल बधाई
मिलकर सारे ढोल बजाओ
नव वर्ष की शुभ घड़ी आई
सुबह सवेरे सबने रंगोली बनाई
बड़ों ने बच्चों को मिठाई खिलाई
स्वागत में सारे पलकें बिछाओ
नव वर्ष की शुभ घड़ी आई
प्रभु की सबने वंदना गाई
नए साल में हो सबकी भलाई
हे प्रभु ! प्रीति आशीष बरसाओ
नव वर्ष की शुभ घड़ी आई
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