ज़िन्दगी
काव्य साहित्य | कविता मुकेश कुमार ऋषि वर्मा1 Mar 2025 (अंक: 272, प्रथम, 2025 में प्रकाशित)
कभी धीमी
कभी तेज़ रफ़्तार-सी ज़िन्दगी।
कभी रुकती
कभी चलती राह-सी ज़िन्दगी।
कभी सुख
कभी दुःख का अनुभव ज़िन्दगी।
कभी आशाएँ
कभी निराशाएँ देती ज़िन्दगी।
कभी उम्मीदें
कभी ना उम्मीदें ज़िन्दगी।
कभी दृश्य
कभी अदृश्य-सी ज़िन्दगी।
कभी ज़ख़्म
कभी मरहम-सी ज़िन्दगी।
कभी स्वप्न
कभी हक़ीक़त ज़िन्दगी।
पल-पल
क्षण-क्षण बदलती ज़िन्दगी।
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