पहाड़ और दुःख
काव्य साहित्य | कविता महेश कुमार केशरी15 Nov 2023 (अंक: 241, द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)
दुःख पहाड़ सा बड़ा
होता है!
इतिहास की बात है
पहाड़ पर एक आदमी चढ़ रहा था
चलते हुए उसके घुटने फूल गये
पाँव सूज गये
आदमी को तब लगा कि दुःख
पहाड़ जितना बड़ा होता है . . .
लेकिन
जब आदमी पहाड़ पर
चढ़ गया और
उसका नाम पहाड़ पर
चढ़ने वाले पहले व्यक्ति
के तौर पर दर्ज किया
इतिहास ने . . .
तब आदमी को लगा कि
हौसलों के आगे
दुःख बित्ते भर का था!
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