ISSN 2292-9754
पूर्व समीक्षित
वर्ष: 21, अंक 273, मार्च द्वितीय अंक, 2025
संपादकीय
यू.एस.ए. और इसका चरित्र
सुमन कुमार घईमैं जब यू.एस.ए. के चरित्र की बात कह रहा हूँ तब मैं नैतिकता या अनैतिकता की बात नहीं कर रहा। यह चरित्र आचार-व्यवहार से सम्बन्धित है। कनेडियन राष्ट्रीय चरित्र शिष्ट और क्षमाप्रार्थी (एपॉलोजैटिक) प्रवृत्ति का है। यू.एस.ए. एक आक्रामक, अशिष्ट और स्वार्थी प्रवृत्ति का देश है यद्यपि दोनों देशों की सीमाएँ मिलती हैं फिर भी यह उतना ही सच है जितना कि भाषा एक होने से संस्कृतियाँ एक-सी नहीं होतीं। मैं पिछले कई वर्षों से निरंतर यू.एस. जाता रहता हूँ। इन दिनों मेरा बड़ा बेटा न्यू जर्सी में है, उसके पास वर्ष में पाँच-छह बार तो जाना हो ही जाता है। इस बार यानी ट्रम्प की विजय के बाद पहली...
साहित्य कुञ्ज के इस अंक में
कहानियाँ
हास्य/व्यंग्य
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस और असली हक़ीक़त
हास्य-व्यंग्य आलेख-कहानी | प्रीति सुरेंद्र सिंह परमार1. सम्मान की औपचारिकता अंतरराष्ट्रीय…
सम्मान लिपासुओं के लिए शुभ सूचना
हास्य-व्यंग्य आलेख-कहानी | अशोक गौतमअपनी धाँसू साहित्यिक संस्था का प्रधान,…
होली में भाँग खाए बलई चचा हमार
हास्य-व्यंग्य आलेख-कहानी | प्रभुनाथ शुक्लहमारे पूर्वांचल के गाँवों में होली…
आलेख
चरित्र गठन का आधार-शिक्षा व अभ्यास
सामाजिक आलेख | संतोष गौड़ 'राष्ट्रप्रेमी'हम चरित्र की बात समय-समय पर नहीं,…
शाहीर योगेश-मराठी और हिंदी शाहिरी कला का एक अमूल्य नायक
साहित्यिक आलेख | विजय नगरकरदेश धरम पर मिटने वाला। शेर शिवा का…
संस्कृति, भाषा और साहित्य सन्दर्भ में भारतीय भाषाओं में पारस्परिक अनुवाद
साहित्यिक आलेख | देवी नागरानी‘आज की परिचर्चा का विषय है…
समीक्षा
ख़ैबर दर्रा-संग्रह की कहानियाँ बहुत देर तक साथ बनी रहती हैं
पुस्तक समीक्षा | अनीता सक्सेनासमीक्षित पुस्तक: ख़ैबर दर्रा (कहानी संग्रह) लेखक: पंकज सुबीर प्रकाशक:…
घुमक्कड़ी—सुध-बुध खोकर आप लेखिका के साथ-साथ चलते हैं
पुस्तक समीक्षा | स्मृति आदित्यसमीक्षित पुस्तक: घुमक्कड़ी-(अंग्रेज़ी साहित्य के गलियारों में) विधा:…
दिल्ली नज़र आई
पुस्तक समीक्षा | अमरेश सिंह भदौरियासमीक्षित पुस्तक: दिल्ली नज़र आई (ग़ज़ल संकलन) लेखक: नन्दी लाल ‘निराश’…
सामाजिक सत्यों को कहानी का रूप देता संग्रह ‘खंडित यक्षिणी'
पुस्तक समीक्षा | ममता महकसमीक्षित पुस्तक: खंडित यक्षिणी (कथा संग्रह) लेखिका: डॉ. रमा द्विवेदी…
ख़ैबर दर्रा
पुस्तक समीक्षा | मधु सन्धुसमीक्षित पुस्तक: ख़ैबर दर्रा लेखक: पंकज सुबीर प्रकाशक: राजपाल एंड सन्ज़…
संस्मरण
अन्य
जयपुर: एक यादगार यात्रा और दिल को छू लेने वाला अनुभव
पर्यटन | हिमानी शर्माजयपुर— राजस्थान की शान और “गुलाबी…
कविताएँ
जातियों के बीच जातिवाद हिन्दुओं को कर रहा बर्बाद
कविता | विनय कुमार ’विनायक’जातियों के बीच जातिवाद हिन्दुओं को…
मनुष्य प्रभाव से प्रभावित होता अच्छा बुरा बर्ताव करता
कविता | विनय कुमार ’विनायक’मनुष्य हमेशा भाव में रहता मनुष्य…
मनुस्मृति के भेदभावपूर्ण ज्ञान से सनातन धर्म का नहीं होगा उत्थान
कविता | विनय कुमार ’विनायक’मनुस्मृतिकार ने शूद्र ही नहीं …
रमेश कुमार सोनी–हाइकु–001
कविता - हाइकु | रमेश कुमार सोनी1. दिल परिंदा फँसे, फड़फड़ाए नैनों की जाल। …
सीता मंदोदरी गर्भेसंभूता चारुरूपिणी क्षेत्रजा तनया रावण की
कविता | विनय कुमार ’विनायक’कहते हैं विश्व में सबसे बड़ा शिवभक्त…
शायरी
कवयित्री: डॉ. मधु संधु
इस अंक की पुस्तकें
इस अंक के लेखक
डॉ. शैलजा सक्सेना (विशेषांक संपादक)
मित्रो, बसंत पंचमी की आप सब को अनंत शुभकामनाएँ! बसंत प्रतीक है जीवन और उल्लास का। साहित्य का बसंत उसके लेखकों की रचनात्मकता है। आज के दिन लेखक माँ सरस्वती से प्रार्थना कर अपने लिए शब्द, भाव, विचार, सद्बुद्धि, ज्ञान और संवेदनशीलता माँगता है, हम भी यही प्रार्थना करते हैं कि मानव मात्र में जीने की.. आगे पढ़ें
(विशेषांक सह-संपादक)
समाचार
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साठोत्तर काव्य आंदोलन में संघर्ष मूलक काव्य की प्रवृत्तियाँ—संगोष्ठी संपन्न: युवा उत्कर्ष मंच
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ग्रहण काल एवं अन्य कविताएँ का विमोचन संपन्न
उद्वेलन एवं संवेदनाओं की कविताएँ:…
काव्यांजलि: महिला क्रिश्चियन कॉलेज में भारतीय भाषा दिवस का उत्सव
महिला क्रिश्चियन कॉलेज ने हाल ही…
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अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की रजत जयंती समारोह 2025
हमारी संस्कृति, परंपरा और पहचान का एक महत्त्वपूर्ण…
‘क से कविता’ में अतिथि कवि डॉ. विनय कुमार से संवाद संपन्न
हैदराबाद, 24 जनवरी, 2025। मौलाना…
डॉ. अमित धर्मसिंह के काव्य संग्रह कूड़ी के गुलाब का हुआ लोकार्पण
नव दलित लेखक संघ, दिल्ली के तत्वावधान…