अन्तरजाल पर
साहित्य-प्रेमियों की विश्राम-स्थली

काव्य साहित्य

कविता गीत-नवगीत गीतिका दोहे कविता - मुक्तक कविता - क्षणिका कवित-माहिया लोक गीत कविता - हाइकु कविता-तांका कविता-चोका कविता-सेदोका महाकाव्य चम्पू-काव्य खण्डकाव्य

शायरी

ग़ज़ल नज़्म रुबाई क़ता सजल

कथा-साहित्य

कहानी लघुकथा सांस्कृतिक कथा लोक कथा उपन्यास

हास्य/व्यंग्य

हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी हास्य व्यंग्य कविता

अनूदित साहित्य

अनूदित कविता अनूदित कहानी अनूदित लघुकथा अनूदित लोक कथा अनूदित आलेख

आलेख

साहित्यिक सांस्कृतिक आलेख सामाजिक चिन्तन शोध निबन्ध ललित निबन्ध हाइबुन काम की बात ऐतिहासिक सिनेमा और साहित्य सिनेमा चर्चा ललित कला स्वास्थ्य

सम्पादकीय

सम्पादकीय सूची

संस्मरण

आप-बीती स्मृति लेख व्यक्ति चित्र आत्मकथा वृत्तांत डायरी बच्चों के मुख से यात्रा संस्मरण रिपोर्ताज

बाल साहित्य

बाल साहित्य कविता बाल साहित्य कहानी बाल साहित्य लघुकथा बाल साहित्य नाटक बाल साहित्य आलेख किशोर साहित्य कविता किशोर साहित्य कहानी किशोर साहित्य लघुकथा किशोर हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी किशोर हास्य व्यंग्य कविता किशोर साहित्य नाटक किशोर साहित्य आलेख

नाट्य-साहित्य

नाटक एकांकी काव्य नाटक प्रहसन

अन्य

रेखाचित्र पत्र कार्यक्रम रिपोर्ट सम्पादकीय प्रतिक्रिया पर्यटन

साक्षात्कार

बात-चीत

समीक्षा

पुस्तक समीक्षा पुस्तक चर्चा रचना समीक्षा
कॉपीराइट © साहित्य कुंज. सर्वाधिकार सुरक्षित

मेरे क़द से . . . 

सोने जैसा जो खरा लगे है
मन ही मन वो भी डरा लगे है
 
फीकी मुस्कानों स्वागत करता 
पगला वैसे अब ज़रा लगे है
 
हँसते हम जिन बातों को लेकर 
ग़मज़दा कहीं मसखरा लगे है
 
ख़ौफ़नाक आगे मंज़र सारे
हद है तुम्हें हरा हरा लगे है
 
मेरी सलाह आप ज़रा मानो
दुश्मन हथियारों भरा लगे है
 
नाप रहा है जो गर्दन सब की 
कट्टर पंथी माज़रा लगे है
 
हिम्मत सदियों हम खोए बैठे 
तेरा होना आसरा लगे है
 
मेरे क़द से तुलना कर देखो 
मंज़र अब गया गुज़रा लगे है
 
लाशों की ढेर बिछाने वाला
किसी बददुवा से मरा लगे है 
 
हुज़ूर सदी का कौन मसीहा
 रिश्ता तुझी से गहरा लगे है

अन्य संबंधित लेख/रचनाएं

 कहने लगे बच्चे कि
|

हम सोचते ही रह गये और दिन गुज़र गए। जो भी…

 तू न अमृत का पियाला दे हमें
|

तू न अमृत का पियाला दे हमें सिर्फ़ रोटी का…

 मिलने जुलने का इक बहाना हो
|

 मिलने जुलने का इक बहाना हो बरफ़ पिघले…

टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

सजल

ग़ज़ल

नज़्म

कविता

गीत-नवगीत

दोहे

हास्य-व्यंग्य आलेख-कहानी

कविता-मुक्तक

पुस्तक समीक्षा

विडियो

उपलब्ध नहीं

ऑडियो

उपलब्ध नहीं

लेखक की पुस्तकें

  1. शिष्टाचार के बहाने