मैं और मेरी कविता
कविता | आशा बर्मनकभी कभी मुझे ऐसा होता है प्रतीत,
कि मेरी कविताओं का भी
बन गया है अपना व्यक्तित्व।
वे मुझे बुलाती हैं,
हँसाती हैं, रुलाती हैं,
बहुत दिनों तक उपेक्षित रहने पर
मुझसे रूठ भी जाती हैं।
करती हुई ठिठोली,
एक दिन एक कविता मुझसे बोली
“तुम मुझे कभी नहीं पढ़ती हो,
दूसरी कविता को मुझसे
ज़्यादा प्यार जो करती हो।”
एक कविता ने तो हद ही कर दी,
जब वह एक सिरचढ़ी किशोरी सी
हठात् घोषणा सी करने लगी
“तुम्हें करना होगा कोई उपाय,
मेरे साथ नहीं हुआ है न्याय।”
मैं आश्चर्य से उसे देखती रही।
और वह अपनी धुन में
कहती चली गयी।
“मेरे कुछ शब्दों को बदल दो,
तो मैं और निखर जाऊँगी,
अभी मेरा स्वर धीमा है,
कुछ और मुखर हो जाऊँगी”
मैंने उसे समझाया,
“मेरे जीवन में मेरे सिवाय
और भी बहुत कुछ है।
मेरा घर, मेरे बच्चे,
मेरे पति, मेरे मित्र।”
मैंने यह भी कहा,
“तुम आख़िर थीं क्या?
मेरे अवचेतन में पड़ी
मात्र एक अनुभूति।
मैंने तुम्हें स्वर दिया, रूप दिया,
जैसे तुम्हें पाला-पोसा।
और तुमने मुझे, जैसे
अपनी माँ की ममता को
नकार कर, अन्यायी कहकर कोसा।”
मैंने यह भी दी युक्ति,
“मैंने तो तुम्हें जीवन दिया,
तुम मुझे दो मुक्ति।
हे कविताकामिनी, मुझपर भी ध्यान दो,
जो कहने जा रही हूँ, उसपर भी कान दो।
अन्याय की दुहाई मत दो तुम बार-बार।
तुम्हारे नख्ररे पहले भी सहे हैं हज़ार बार॥
कभी-कभी जाडे़ की उनींदी रात
भाव की हल्की सी झलक दिखाकर
भाग जाती हो और सुबह पुकार कर
बुलाने पर भी नहीं आती हो।”
और कभी, व्यस्तता के क्षणों में
अन्तर से कहती हो—
’मुझे स्वर दो, मुझे स्वर दो’
मैं झुंझलाकर जबाब देती हूँ—
“अभी रुको, अभी चुप रहो,
मुझे दफ़्तर में बहुत काम है,
शाम को भी ओवरटाइम है।”
अपना समझकर कह रही हूँ,
“कनाडा में ‘वर्किंग मदर’ अर्थात्
कार्यरत माँ होना आसान नहीं है।
कभी-कभी तो तुम चेता करो,
दूसरे का समय-असमय भी तो देखा करो।
जब सब काम निबटाकर,
आराम कर रही होऊँ,
तो प्यार से, दुलार से,
आदर से पास आओ,
धीरे-धीरे कोमलता से
मेरे भावों को सहलाओ।
इससे मेरी कल्पना का द्वार खुलेगा,
तुम्हारे भावों को भी समुचित कलेवर मिलेगा।
तब देखना, मेरे भी वात्सल्य का स्रोत झरेगा।
हमदोनों के बीच बढ़ता हुआ यह अन्तर
हम दोनों के प्रयास से ही तो भरेगा।”
इस विशेषांक में
कविता
- तुम्हारा प्यार आशा बर्मन | कविता
- आकांक्षा आशा बर्मन | कविता
- जागृति आशा बर्मन | कविता
- मेरा सर्वस्व आशा बर्मन | कविता
- नित – नव उदित सफ़र डॉ. रेणुका शर्मा | कविता
- इन्द्रधनुषी लहर डॉ. रेणुका शर्मा | कविता
- पिता का दिल डॉ. रेणुका शर्मा | कविता
- पिता डॉ. रेणुका शर्मा | कविता
- नया साल डॉ. रेणुका शर्मा | कविता
- बसन्त आया था डॉ. रेणुका शर्मा | कविता
- ये पत्ते डॉ. रेणुका शर्मा | कविता
- एक मुट्ठी संस्कृति डॉ. रेणुका शर्मा | कविता
- जीवंत आसमान की धरती का जादू डॉ. रेणुका शर्मा | कविता
- राह डॉ. अंकिता बर्मन | कविता
- मुस्कान डॉ. अंकिता बर्मन | कविता
- अग्नि के सात फेरे तरुण वासुदेवा | कविता
- माँ और स्वप्न तरुण वासुदेवा | कविता
- ये पैग़ाम देती रहेंगी हवायें निर्मल सिद्धू | कविता
- उम्र के तीन पड़ाव निर्मल सिद्धू | कविता
- वह पूनम कासलीवाल | कविता
- तुम कहाँ खो गए . . . प्राण पूनम कासलीवाल | कविता
- हर बार पूनम कासलीवाल | कविता
- आना-जाना पूनम कासलीवाल | कविता
- पिता हो तुम पूनम चन्द्रा ’मनु’ | कविता
- माँ हिन्दी पूनम चन्द्रा ’मनु’ | कविता
- कैकयी तुम कुमाता नहीं हो पूनम चन्द्रा ’मनु’ | कविता
- कृष्ण संग खेलें फाग पूनम चन्द्रा ’मनु’ | कविता
- साँवरी घटाएँ पहन कर जब भी आते हैं गिरधर पूनम चन्द्रा ’मनु’ | कविता
- कटघरा प्रीति अग्रवाल 'अनुजा' | कविता
- आईना प्रीति अग्रवाल 'अनुजा' | कविता
- मुलाक़ात प्रीति अग्रवाल 'अनुजा' | कविता
- पेड़ डॉ. शैलजा सक्सेना | कविता
- माँ! मैं तुम सी न हो पाई! डॉ. शैलजा सक्सेना | कविता
- चिड़िया का होना ज़रूरी है डॉ. शैलजा सक्सेना | कविता
- मूड (Mood) डॉ. शैलजा सक्सेना | कविता
- गुरुदेव सीमा बागला | कविता
- मेरी बिटिया, मेरी मुनिया संदीप कुमार सिंह | कविता
- अधूरी रह गई संदीप कुमार सिंह | कविता
- चंदा, क्या तुम भी एकाकी हो? संदीप कुमार सिंह | कविता
- मैं नदी हूँ सविता अग्रवाल ‘सवि’ | कविता
- लेखनी से संवाद सविता अग्रवाल ‘सवि’ | कविता
- हमारे पूर्वज सीमा बागला | कविता
- मेरा बचपन वाला ननिहाल सीमा बागला | कविता
- धारा ३७० सीमा बागला | कविता
- परिक्रमा सुरजीत | कविता
- तू मिलना ज़रूर सुरजीत | कविता
- प्रवास कृष्णा वर्मा | कविता
- वायरस डॉ. निर्मल जसवाल | कविता
- लाईक ए डायमण्ड इन द स्काई डॉ. निर्मल जसवाल | कविता
- लिफ़ाफ़ा प्राची चतुर्वेदी रंधावा | कविता
- चार्ली हेब्दो को सलाम करते हुए धर्मपाल महेंद्र जैन | कविता
- रोबॉट धर्मपाल महेंद्र जैन | कविता
- मेरे टेलीस्कोप में धरती नहीं है धर्मपाल महेंद्र जैन | कविता
- निज भाग्य विधाता परिमल प्रज्ञा प्रमिला भार्गव | कविता
- आ गया बसंत है परिमल प्रज्ञा प्रमिला भार्गव | कविता
- कुछ कहा मधु भार्गव | कविता
- मेरी माया मधु भार्गव | कविता
- मधु स्मृति स्नेह सिंघवी | कविता
- अश्रु स्नेह सिंघवी | कविता
- निमंत्रण स्नेह सिंघवी | कविता
- मैं हवा हूँ इन्दिरा वर्मा | कविता
- मेरी पहचान इन्दिरा वर्मा | कविता
- चिट्ठियाँ इन्दिरा वर्मा | कविता
- वह कोने वाला मकान इन्दिरा वर्मा | कविता
- एक दिया जलाया इन्दिरा वर्मा | कविता
- आशीर्वाद इन्दिरा वर्मा | कविता
- बंधन कृष्णा वर्मा | कविता
- सोंधी स्मृतियाँ कृष्णा वर्मा | कविता
- स्त्री कृष्णा वर्मा | कविता
- रेत कृष्णा वर्मा | कविता
- ज़िन्दगी का साथ दीप्ति अचला कुमार | कविता
- छोटे–बड़े सुख दीप्ति अचला कुमार | कविता
- सिमटने के दिन दीप्ति अचला कुमार | कविता
- दुविधा दीप्ति अचला कुमार | कविता
- दिशाभ्रम आशा बर्मन | कविता
- मैं और मेरी कविता आशा बर्मन | कविता
- अपेक्षायें आशा बर्मन | कविता
- प्रश्न आशा बर्मन | कविता
- सन्नाटे अम्बिका शर्मा | कविता
- रोज़ सुबह अम्बिका शर्मा | कविता
- इत्मीनान अम्बिका शर्मा | कविता
- मन की आँखें आशा बर्मन | कविता
पुस्तक समीक्षा
- सहज स्नेह पगी – 'कही-अनकही' डॉ. शैलजा सक्सेना | पुस्तक समीक्षा
- भक्ति, वैराग्य तथा आध्यात्मिक भावों की निश्छल अभिव्यक्ति: ’निर्वेद आशा बर्मन | पुस्तक समीक्षा
- प्रवासी कथाकार शृंखला – शैलजा सक्सेना : समीक्षा प्रो. अमिता तिवारी | पुस्तक समीक्षा
- सम्भावनाओं की धरती: कैनेडा गद्य संकलन डॉ. अरुणा अजितसरिया | पुस्तक समीक्षा
- युगीन यातनाओं को रेखांकित करती कविताएँ डॉ. मनोहर अभय | पुस्तक समीक्षा
- विश्वास की रौशनी से भरी कविताएँ: 'क्या तुम को भी ऐसा लगा?' डॉ. रेखा सेठी | पुस्तक समीक्षा
पत्र
कहानी
- भड़ास सतीश सेठी | कहानी
- सूखे पत्ते सतीश सेठी | कहानी
- उसने सच कहा था सुमन कुमार घई | कहानी
- स्वीकृति मानोशी चैटर्जी | कहानी
- दो बिस्तर अस्पताल में डॉ. शैलजा सक्सेना | कहानी
- एक और विदाई सविता अग्रवाल ‘सवि’ | कहानी
- वसंत रुत डॉ. निर्मल जसवाल | कहानी
- एक खेल अटकलों का डॉ. हंसा दीप | कहानी
- अक्स डॉ. हंसा दीप | कहानी
- विशाखा कृष्णा वर्मा | कहानी
- बेटे का सुख विजय विक्रान्त | कहानी
- पगड़ी सुमन कुमार घई | कहानी
साहित्यिक आलेख
- समाजों का कैनवास–सम्भावनाओं की धरती अनिल जोशी | साहित्यिक आलेख
- कैनेडा के हिंदी साहित्य में योगदान देने वाले साहित्यकार डॉ. दीपक पाण्डेय | साहित्यिक आलेख
- कैनेडा की राजधानी ओटवा में हिंदी साहित्य की भूमिका डॉ. जगमोहन हूमर | साहित्यिक आलेख
- कैनेडा में हिंदी-शिक्षण परंपरा में स्थानीय संस्थाओं की भूमिका डॉ. दीपक पाण्डेय | साहित्यिक आलेख
- कैनेडा की विपुल और समृद्ध कविता धारा का परिचय कराता काव्य संकलन–सपनों का आकाश अनिल जोशी | साहित्यिक आलेख
- अचला दीप्ति कुमार, व्यक्तित्व तथा कृतित्व आशा बर्मन | साहित्यिक आलेख
- कृष्णा वर्मा के सृजन-कर्म से गुज़रते हुए डॉ. पूर्वा शर्मा | साहित्यिक आलेख
- राग-विराग के समभाव की कवयित्री: इंदिरा वर्मा! डॉ. सुमन सिंह | साहित्यिक आलेख
रचना समीक्षा
लघुकथा
कविता - हाइकु
स्मृति लेख
गीत-नवगीत
किशोर साहित्य कहानी
चिन्तन
हास्य-व्यंग्य आलेख-कहानी
व्यक्ति चित्र
बात-चीत
- डॉ. नूतन पाण्डेय द्वारा टोरोंटो, कैनेडा निवासी डॉ. शैलजा सक्सेना से बातचीत डॉ. नूतन पांडेय | बात-चीत
- कैनेडा की हिंदी कथाकार हंसा दीप से साक्षात्कार डॉ. दीपक पाण्डेय | बात-चीत
- डॉ. दीपक पाण्डेय द्वारा कैनेडा निवासी डॉ. स्नेह ठाकुर से साक्षात्कार डॉ. दीपक पाण्डेय | बात-चीत
- कैनेडा निवासी राधेश्याम त्रिपाठी से डॉ. नूतन पाण्डेय की बातचीत डॉ. नूतन पांडेय | बात-चीत
- कैनेडा निवासी डॉ. रत्नाकर नराले से डॉ. नूतन पाण्डेय का संवाद डॉ. नूतन पांडेय | बात-चीत
- कैनेडा निवासी व्यंग्यकार धर्मपाल महेंद्र जैन से डॉ. दीपक पाण्डेय का संवाद डॉ. दीपक पाण्डेय | बात-चीत