ISSN 2292-9754
वर्ष: 16, अंक 175, फरवरी द्वितीय अंक, 2021
पुस्तक बाज़ार
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संपादकीय

फिर वही प्रश्न – हिन्दी साहित्य की पुस्तकें क्यों नहीं बिकतीं?
सुमन कुमार घईप्रिय मित्रो, पिछले दिनों एक स्थानीय मित्र का फोन आया। वह अपनी एक पुस्तक प्रकाशित करवाना चाहती थीं। उनका विचार था कि भारत से प्रकाशित/प्रिंट करवायी जाए। उन्होंने इंटरनेट पर एक ऑनलाइन प्रिंटर/प्रकाशक खोज रखा था। वह केवल यह जानना चाहती थीं कि क्या मैंने इस प्रकाशक का नाम पहले सुना हुआ है कि नहीं। उन्होंने मुझे वेबसाइट का नाम बताया और आग्रह किया कि मैं भी अच्छी तरह खोजबीन कर लूँ। मैंने वेबसाइट देखी और सब कुछ ठीक लगा। जो सामान्य रूप से होता है कि १०० पृष्ठों की पुस्तक के इतने पैसे और २०० पृष्ठों तक की पुस्तक के इतने पैसे इत्यादि। लेखक को पचास प्रतियाँ...
फीजी का हिन्दी साहित्य
साहित्यकुञ्ज पत्रिका ’फीजी का हिन्दी साहित्य’ विषय पर नवंबर में विशेषांक प्रकाशित करने वाली हैं। उद्देश्य यह है कि फीजी की सांस्कृतिक और हिन्दी की साहित्यिक संपदा पाठकों के सामने रख सकें। हमारा फीजी के लेखकों और फीजी से जुड़े सभी लोगों से सादर आग्रह है कि आप अपनी कविताएँ, कहानियाँ, साहित्यिक लेख, संस्मरण, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि आदि साहित्यकुंज पत्रिका के लिए भेजियेगा। साहित्यकुंज पत्रिका के संपादक हैं: सुमन कुमार घई। इस विशेषांक की संपादक हैं: डॉ. शैलजा सक्सेना; सह-संपादक: सुभाषिणी लता कुमार (लौटुका, फीजी) ये रचनाएँ अक्तूबर 18, 2020 तक अवश्य भेज दीजिए। कृपया इन रचनाओं को आप इन ई-मेल पतों पर भेजिए: shailjasaksena@gmail.com sampadak@sahityakunj.net
डॉ. शैलजा सक्सेना (विशेषांक संपादक)
जीवटता और सहज आस्था की मशाल: फीजी साहित्य फीजी के हिन्दी साहित्य पर विशेषांक का विचार सहसा मन में उदित हुआ और सोचने पर बल पकड़ता गया, खोजने पर समंदर बन गया और डूबने पर अनेक मोती लेकर अब आप के सामने उपस्थित है। विश्व के मानचित्र पर कुछ बिन्दुओं के रूप में दिखने वाले इस देश में हिन्दी साहित्य का.. आगे पढ़ें
(विशेषांक सह-संपादक)
साहित्य कुञ्ज के इस अंक में
कहानियाँ
हास्य/व्यंग्य
क्षमाम्! क्षमाम्! चमचाश्री!
हास्य-व्यंग्य आलेख-कहानी | अशोक गौतमवैसे तो मैं ऑफ़िस में ऑफ़िस के काम का ध्यान…
मल्टीप्लेक्स और लुप्तप्रायः होता राष्ट्रीय चरित्र
हास्य-व्यंग्य आलेख-कहानी | सुदर्शन कुमार सोनीवो समय दूर नहीं जबकि पुराने छविगृहों की…
आलेख
गाँधीजी का पर्यावरण चिंतन और मानव अस्तित्व
सामाजिक आलेख | अनिल कुमार मिश्रश्रीमान मोहन दास करमचंद गाँधी जिन्हें हम…
वेलेंटाइन-डे और भारतीय संदर्भ
सामाजिक आलेख | सुशील कुमार शर्माप्यार या प्रेम एक इंसान के लिए ,सबसे संतोषजनक…
संस्मरण विधा और कथेत्तर: धूप में नंगे पाँव
साहित्यिक आलेख | बी एम नंदवानाआधुनिक गद्य साहित्य की कथेत्तर विधाओं में…
समीक्षा
नारी विमर्श के विविध भावों से युक्त हाइकु : प्रकृति की चुनरी ओढ़े हैं
पुस्तक समीक्षा | रमेश कुमार सोनीसमीक्ष्य पुस्तक: भाव-प्रकोष्ठ -हाइकु संग्रह लेखक: डॉ.सुरंगमा यादव प्रकाशक:…
हर्फ़ों से चलचित्र बनाने की नायाब कला सिनेमागोई
पुस्तक समीक्षा | प्रवीण प्रणवपुस्तक शीर्षक: सिनेमागोई लेखक: नवल किशोर व्यास …
संस्मरण
नाटक
कविताएँ
जितेन्द्र मिश्र ’भरत जी’ – 001 दोहे
दोहे | जितेन्द्र मिश्र 'भरत जी'हम सोचें वो ना मिले, वो सोचे सो होय। कर्मों…
निःसंदेह पवित्र हो, तुम मेरे मित्र हो
कविता | संजय कवि ’श्री श्री’मेरा जो चरित्र है, तुम उसी के चित्र हो;…
पानी माँगे एटम बम
हास्य-व्यंग्य कविता | अजय अमिताभ 'सुमन'क्या जाति है क्या धर्म है, क्या रूप है क्या…
प्रभु कृपा की यह निशानी है
कविता | जितेन्द्र मिश्र 'भरत जी'प्रभु कृपा की यह निशानी है। चल रही जो ज़िंदगानी…
मैं तुम्हारा हृदय, तुम मेरे स्पंदन कहलाओगे
कविता | संजय कवि ’श्री श्री’हृदय बोल रहा था करुण क्रंदन से; डूबते मद्धिम…
हाँ मैं दोषी कहलाता हूँ
गीत-नवगीत | संदीप कुमार तिवारी 'बेघर’उठकर प्रातः बाग़ों में मैं सूरज की किरणों…
शायरी
साहित्य के रंग शैलजा के संग

बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉक्टर हरीश नवल जी से एक मुलाक़ात
बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉक्टर हरीश नवल जी से एक मुलाक़ात SAHITYA KE RANG-SHAILJA KE SANG
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समाचार
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साहित्य सरोकारों और सम्वेदनाओं को आवाज़ देता है- आशुतोष राना
डॉ. सुशील शर्मा की चार पुस्तकें विमोचित…
डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा की दो पुस्तकें लोकार्पित
हैदराबाद, 19.2.2021 यहाँ दक्षिण भारत हिंदी…
रिश्तों की विविधता और बाज़ारवाद पर आधारित हैः ’पतियों का एक्सचेंज ऑफर’
सुदर्शन सोनी के चौथे व्यंग्य संकलन ‘पतियों…
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वातायन के इतिहास में एक शानदार सम्मान-समारोह
डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक’ और श्री…
तेजेन्द्र शर्मा के कविता संग्रह ‘टेम्स नदी के तट से’ का लोकार्पण नेहरू सेन्टर लंदन के मंच से...
• कथा यू.के. संवाददाता भारतीय उच्चायोग…
ढींगरा फ़ैमिली फ़ाउण्डेशन, अमेरिका द्वारा अंतर्राष्ट्रीय कथा सम्मान तथा शिवना प्रकाशन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय कथा-कविता सम्मान घोषित
(सभी सम्मान लेखिकाओं को) ममता कालिया, उषाकिरण…