गाँव-1
काव्य साहित्य | चोका भीकम सिंह1 Mar 2023 (अंक: 224, प्रथम, 2023 में प्रकाशित)
गाँव की सारी
फ़सल ठिकाने से
लगती रही
गायों पर आरोप
आने से रहा
अजीब-सा ये दर्द
गाँवों में आया
पंचायती साँड़-सा
जाने से रहा
खलिहान उलझा
ऐसा, रोने से रहा।
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