भीकम सिंह – ताँका – नव वर्ष
काव्य साहित्य | कविता-ताँका भीकम सिंह1 Jan 2024 (अंक: 244, प्रथम, 2024 में प्रकाशित)
1.
लो, विदा हुई
एक और साल की
सोचें -विचारें
कैलेण्डर वाॅल की
कुछ नये ढाल की ।
2.
अस्त हुआ है
एक वर्ष का सूर्य
दु:ख सहते
नई तारीखें लेके
आओ, फिर बहते ।
3.
पुराना वर्ष
प्रश्नों को छोड़ गया
कल के लिए
उदय हुआ नया
ज्यों बदल के लिए ।
4.
ठेल -ठाल के
जैसे तैसे बीता है
पुराना वर्ष
आओ, नये के देखें
विषाद और हर्ष ।
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टिप्पणियाँ
Sandeep Bhati 2023/12/31 10:13 AM
आपको भी जाते वर्ष की विदाई के साथ नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं सर।आपकी परिछाई की छाया भी हमारे ऊपर सदा बनी रहे।
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श्वेता वर्मा 2024/01/03 09:10 PM
अति उत्तम