भीकम सिंह – ताँका – प्रेम 011
काव्य साहित्य | कविता-ताँका भीकम सिंह1 Jan 2025 (अंक: 268, प्रथम, 2025 में प्रकाशित)
1.
भरे दिल में
ख़ुशियों वाले रंग
नया बरस
दिन सुहाने करे
रातें करे सरस।
2.
प्रेम के बीज
जो घृणा में सूखे हैं
वर्षों पहले
इस वर्ष पनपें
उनकी सारी बेलें।
3.
नये साल में
रहें साथ मिलके
हम-औ-तुम
बैर में भी प्यार का,
बना रहे मौसम।
4.
नये साल का
प्रथम दिवस है
बैर भुलाओ
उजाला थोड़ा बढ़े
बुझे दीये जलाओ।
5.
नये वर्ष में
नई-नई बातें हो
झूमें ख़ुशी से
हँसना हँसाना हो
दुश्मन हो दुःखी से।
6.
मुस्कान देता
नया वर्ष आने दो
फिर सुखों की
बरसात आने दो
धूप को लजाने दो।
7.
आने लगे हैं
दस्तक के बुलावे
नये वर्ष के,
हुमक रहे पल
अनचीते हर्ष के।
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टिप्पणियाँ
सुरंगमा यादव 2024/12/29 02:56 PM
बहुत सुंदर ताँका।
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Sudershan ratnakar 2024/12/29 04:56 PM
नववर्ष के आगमन पर सुंदर संदेश देते बेहतरीन ताँका। हार्दिक बधाई