कोई भी अवतार नबी कवि विज्ञानी अंतिम नहीं
काव्य साहित्य | कविता विनय कुमार ’विनायक’1 Oct 2024 (अंक: 262, प्रथम, 2024 में प्रकाशित)
क्यों तुम इतने ग़ुस्से में मदहोश हो
अब तो होश में आओ
तुम कौन हो? कहाँ से आए?
कैसे जीना कैसे मरना क्या खोए क्या पाए?
कुछ तो जान लो ज्ञान लेना ठान लो!
अज्ञानी होने के कारण से
तुम ऐसे वैसे अभिमानी बने हुए हो
ये जान लो जितना जानते हो
उसे पर्याप्त नहीं समझो अपूर्ण अज्ञानी हो!
कुछ सीखो कुछ सिखलाओ
ज्ञान की अदला-बदली कर लो
कोई नहीं पूर्ण होता है इस धरा में
कोई अवतार नबी कवि विज्ञानी अंतिम नहीं
सबके ज्ञान अनुसंधान खोज आविष्कार पाए हो!
ख़ुद को कभी ख़ुदा नहीं समझो
अहसास करो सबके एहसान तले दबे हो
किसी का एहसान फ़रामोश नहीं बनो
कुछ भी ईजाद नहीं किया किसी अवतार
पैग़म्बर ने सिवा रीति नीति दर्शन विचार के!
राम ने मर्यादित जीवन जीना सिखलाया
कृष्ण ने प्रेम भक्ति कर्मयोग संकल्प शक्ति बताया
बुद्ध ने करुणा, जिन ने अहिंसा, ईसा ने दया
अब्राहम मूसा पैग़म्बर ने भाईचारे का पाठ पढ़ाया
दस गुरुओं ने ज्ञान ध्यान समता देशभक्ति सिखाया!
बोलो बंधुओं तुममें कौन सा ये मानवीय गुण है नहीं?
बोलो तुम राम कृष्ण बुद्ध जिन तीर्थंकर गुरु
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टेलीविज़न जे एल बेयर्ड, कम्प्यूटर चार्ल्स बैबेज ने बनाया
टेलीफोन ग्राहम बेल, मोबाइल फोन मार्टिन कूपर
बारूद डायनामाइट का अल्फ़्रेड नोबेल ने अन्वेषण किया
मगर नक्सलाइट आतंकवादियों ने इसे अपना लिया!
विद्युत मोटर माइकल फैराडे, बिजली बल्ब थोमस एडीसन
राडार रावर्ट वाटसन बाट, एटम बम रावर्ट ओपनहाइमर का
पर आतंकवादियों के पोषक पाक चीन ने इसे हथिया लिया!
ये आविष्कारक वैज्ञानिक किसी अवतार पैग़म्बर से कम नहीं
इनमें से कोई अवतार पैग़म्बर को नहीं, विज्ञान को पूजते थे
ये घंटों पूजा नमाज़ में मंदिर मस्जिद में वक़्त नहीं ज़ाया करते,
ये संस्कृत गुरुकुल उर्दू मदरसे से भी पढ़कर नहीं निकले थे
ये अवतार पैग़म्बर के घोड़े गदहे ऊँट टट्टू से नजात दिलानेवाले
आधुनिक यंत्रवेत्ता ख़ुदा सृष्टिकर्ता विश्वकर्मा से कम नहीं होते!
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