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महाराजा जनक

 

हम सभी जानते हैं कि महाराज दशरथ के चारों पुत्रों का विवाह किस प्रकार हर्षोल्लास से सम्पन्न हुआ था। महाराज जनक की बड़ी पुत्री सीता जी का प्रभु राम से व छोटी बेटी उर्मिला का लक्ष्मण जी से विवाह हुआ, और उसी समय सीता जी के चाचा, महाराज कुशीध्वज, की बेटी मांडवी का भरत से व छोटी बेटी श्रुतिकीर्ती का शत्रुघ्न से गठबन्धन हुआ। 

हम यह भी भलीभाँति जानते हैं कि महाराजा दशरथ बड़े बेटे राम के वियोग में स्वर्ग सिधार गये। परन्तु क्या कभी यह चिंतन किया कि महाराजा जनक की चारों बेटियाँ पूरे चौदह वर्ष जब मानसिक व शारीरिक कष्टों का सामना कर रहीं थीं तो उस समय उस पिता का हृदय क्या छलनी-छलनी न हुआ होगा? लेकिन तत्त्वज्ञानी व योगिराज कहलाए जाने वाले जनक विदेह अपनी मनोव्यथा किसी से भी न कह पाये होंगे। 

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