शस्य श्यामला भारत भूमि
काव्य साहित्य | गीत-नवगीत डॉ. सुशील कुमार शर्मा1 Feb 2021
(देश भक्ति गीत )
आज शहीदों के जीवन को
आओ सब मिल नमन करें।
शस्य श्यामला भारत भूमि
आओ इसको रतन करें।
तिमिर गुलामी का झेला है
अग्नि पथों से गुज़र चुका है।
ज्योति जागरण नव प्रभात का
संघर्षों में कहाँ रुका है।
शस्य श्यामला भारत शतदल
उन्नत मस्तक लिए खड़ा है।
अपने वैभव की रक्षा में
सदियों तक अनवरत लड़ा है।
शत मधुवन उपवन सा भारत
आओ इसका यजन करें।
आँखों में आँखें डाले हम
अब दुनिया से बातें करते।
अमन चैन पैग़ाम हमारा
सब दुश्मन सीमा पर डरते।
है आज़ाद कंठ आज़ादी
सब मिलजुल कर हम रहते हैं।
दुख पीड़ा या ख़ुशियाँ सारी
संग संग सब हम सहते हैं।
विस्तृत हुईं आज सीमायें
आओ मिल कर गगन करें।
संघर्षों से हमजोली कर
चल पड़ा देश विकास पथ पर।
तुमुल विजय ध्वनि मन भर कर
जन गण मन सवार रथ पर।
विजयी विश्व तिरंगा थामे
हैं वीर युवा अब कर्णधार।
बने वज्र प्राचीर राष्ट्र की
युवा राष्ट्र के हैं आधार।
नव स्वतंत्र जन गण मन भारत
आओ इसका भजन करें।
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