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कुण्डलिया - डॉ. सुशील कुमार शर्मा - पहली फुहार

पानी रिमझिम गिर रहा, गर्मी का अवसान। 
तन मन को राहत मिली, धन्यवाद भगवान। 
धन्यवाद भगवान, कृषक मन आशा जागी। 
गाते मेघ मल्हार, स्वागतम ऋतु अनुरागी। 
वसुधा प्रेम विभोर, ओढ़ कर चूनर धानी। 
खेतों में आल्हाद, बिखेरे गिरता पानी। 

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