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क्रिकेट बस क्रिकेट है जीवन नहीं

 

क्रिकेट जीवन नहीं हो सकता
क्रिकेट भारतीयों की
रूह में समाया है
उसने क़ब्ज़ाया है
हमारी भावनाओं को
क्रिकेट बन गया है धर्म
जो नहीं होना चाहिए। 
 
हम पूजते हैं क्रिकेट
और उसके खिलाड़ियों को
लुटा देते हैं अपना सब कुछ
बना देते हैं उनको भगवान
ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, न्यूज़ीलैंड
क्यों है क्रिकेट में सबसे ऊपर
क्योंकि इनके लिए क्रिकेट
बस एक खेल है 
धर्म नहीं
ना ही ये अपने खिलाड़ियों को
भगवान मानते हैं
ये नहीं सोचते कि
हम खेल में हारेंगे या जीतेंगे
ये नहीं सोचते कि क्रिकेट मैच हारने
पर दुनिया ख़त्म हो जाएगी। 
इनके देश में विश्वकप में हार में
नहीं मनाया जाता है राष्ट्रीय शोक
न ही जीत में ये पागल होते हैं। 
इनके देश में न ही कोई
क्रिकेट का भगवान है
न कोई मास्टर ब्लास्टर
न कोई किंग है। 
इस लिए ये जीतते हैं
बार बार विश्व कप
ट्राफी को रखते हैं
अपने पैरों के नीचे। 
 
एथलेटिक्स, हॉकी, 
भाला फेंक, मुक्केबाज़ी
सब में हम हारते हैं
लेकिन मन सिर्फ़
क्रिकेट की हार से दुखता है
भारत अगर तुम्हें जीतना है
क्रिकेट में विश्वकप
तो क्रिकेट को क्रिकेट की तरह खेलो
मत जोड़ो उसे अपनी आत्मा से
न ही किसी खिलाड़ी को दो
भगवान का दर्जा
क्रिकेट बस क्रिकेट है
जीवन नहीं। 

सुशील शर्मा

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