हाइकु दिवस पर विशेष - डॉ. सुशील कुमार शर्मा
काव्य साहित्य | कविता - हाइकु डॉ. सुशील कुमार शर्मा15 Dec 2020
(हाइकु दिवस पर विशेष )
ठंड के पाँव
फुनगी पर ओस
ठिठुरा गाँव।
मन पतंग
आशाओं का आकाश
जीवन डोर।
ज्वार की रोटी
नमक और प्याज
श्रम की खेती।
दो जोड़ी पंख
चीर गए आकाश
आत्म विश्वास।
गन्ने के खेत
कट कट गिरते
जीवन क्षण।
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